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नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में जिन बिल्डिंगों में खुला शराब का ठेका, अब उनकी होगी जांच, जानिए इसके पीछे की बड़ी वजह

महापौर ने भवन विभाग को निर्देश दिया है कि वह 15 दिन के भीतर इन सभी इमारतों की जांच और कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करे। दरअसल दक्षिणी निगम सदन की बैठक में प्रदूषण की समस्या को लेकर चर्चा हो रही थी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 12:48 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 12:48 PM (IST)
नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में जिन बिल्डिंगों में खुला शराब का ठेका, अब उनकी होगी जांच, जानिए इसके पीछे की बड़ी वजह
रिहायशी क्षेत्रों में खोली जा रही शराब की दुकानों को बंद करने की मांग की।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नई आबकारी नीति के तहत खुल रहे शराब के ठेकों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दक्षिणी निगम ने भवन विभाग को निर्देश दिया है कि उन सभी इमारतों की जांच की जाए, जिनमें शराब के ठेके खोले गए हैं। भवन निर्माण में अनिमियतता पाए जाने पर इन इमारतों की सीलिंग के आदेश जारी किए गए हैं। महापौर ने भवन विभाग को निर्देश दिया है कि वह 15 दिन के भीतर इन सभी इमारतों की जांच और कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करे। दरअसल, दक्षिणी निगम सदन की बैठक में प्रदूषण की समस्या को लेकर चर्चा हो रही थी। इसी बीच कांग्रेस के पार्षद शराब की खाली बोतलों की माला पहनकर विरोध करने लगे तो भाजपा पार्षदों ने भी शराब नीति के विरोध में पर्चे दिखाकर विरोध किया। साथ ही रिहायशी क्षेत्रों में खोली जा रही शराब की दुकानों को बंद करने की मांग की।

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वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों ने ठेकेदारों का बकाया भुगतान न होने से प्रभावित हो रहे विकास कार्यो को लेकर महापौर के आसन के सामने पहुंचकर प्रदर्शन किया। प्रदूषण और आबकारी नीति के विरोध में भाजपा व कांग्रेस के पार्षदों ने राज्य सरकार का घेराव किया। उनका आरोप था कि इससे राजधानी में युवाओं में नशे की लत को बढ़ावा मिलेगा। इससे अपराध भी बढ़ेंगे। ऐसे में इन दुकानों को बंद कराने की अपील की गई। चर्चा के समापन पर महापौर मुकेश सुर्यान ने निर्देश दिए कि इन इमारतों की जांच की जानी चाहिए कि क्या इन इमारतों के निर्माण में भवन निर्माण के नियमों का पालन किया गया है। जो शराब की दुकानें गैर व्यावसायिक इलाके या सड़क पर चल रही हैं, उन्हें भी सील किया जाना चाहिए। महापौर ने कहा कि भवन विभाग इस निर्देश का 15 दिन में पालन करके रिपोर्ट दे।

मोहम्मदपुर गांव का नाम माधवपुरम करने का प्रस्ताव पास

दक्षिणी निगम सदन की बैठक में मोहम्मदपुर गांव का नाम माधवपुरम करने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। नेता सदन इंद्रजीत सहरावत ने अनुच्छेद-74 के तहत यह निजी प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव में सहरावत ने कहा कि गांव के लोगों की इच्छा है कि इस गांव का नाम माधवपुरम किया जाए। इसलिए निगमायुक्त को निर्देश दिया जाता है कि मोहम्मदपुर गांव का नाम माधवपुरम किया जाए। उल्लेखनीय है कि इससे पहले यह प्रस्ताव दक्षिणी निगम की दक्षिणी वार्ड समिति में पारित किया गया था। इसके बाद महापौर ने इसे लागू करने के लिए अग्रिम मंजूरी दे दी थी। अब निगम ने इसे माधवपुरम करने का निजी प्रस्ताव पारित कर दिया है।


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