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ठगी में बैंक का पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक सहित दो गिरफ्तार

वरिष्ठ प्रबंधक ने अपने जानकार की कंपनी में रुपये भेज ठगी की थी। आरोपितों की पहचान रामपत सिंह (62) और अमित कुमार जांगड़ा के रूप में हुई है। इस मामले में पुलिस अन्य की संलिप्तता की जांच कर रही है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 05:35 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 05:35 PM (IST)
ठगी में बैंक का पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक सहित दो गिरफ्तार
फर्जी चेक द्वारा ग्राहकों के खाते से निकाले 2.63 करोड़ रुपये।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्ल्यू) ने 2.63 करोड़ों के फर्जीवाड़े में बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने फर्जी चेक द्वारा ग्राहकों के खाते से रुपये स्थानांतरित किए थे। वरिष्ठ प्रबंधक ने अपने जानकार की कंपनी में रुपये भेज ठगी की थी। आरोपितों की पहचान रामपत सिंह (62) और अमित कुमार जांगड़ा के रूप में हुई है। इस मामले में पुलिस अन्य की संलिप्तता की जांच कर रही है।

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इओडब्ल्यू के संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. ओ.पी. मिश्रा ने बताया कि बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस में की थी। बैंक के मुताबिक बैंक अधिकारी ने मिलीभगत कर पहले अमित कुमार जगांड़ा की कंपनी मणि ट्रेडर्स के खाते की कैश क्रेडिट (सीसी) की सीमा बढ़ाई गई। बाद में फर्जी चेक पर अन्य ग्राहकों के रुपये उसमें स्थानांतरित कर रुपये हड़प लिए गए।

शिकायत के बाद पुलिस ने वर्ष 2018 में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। पुलिस छानबीन में पता चला कि धोखाधड़ी में बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक और नजफगढ़ के शाखा प्रमुख रामपत सिंह का हाथ है। दरअसल वह बैंक की प्रणाली से अच्छी तरह परिचित था। इसलिए धोखाधड़ी के मकसद से उसने नजफगढ़ के स्थानीय निवासी अमित कुमार जांगड़ा के साथ मिलकर पहले मणि ट्रेडर्स के नाम से एक फर्जी फर्म बनवाया।

उसका खाता बैंक की नजफगढ़ शाखा में खुलवाया गया। बाद में अपने प्रभाव से पूर्व शाखा प्रमुख ने उक्त खाते का कैश क्रेडिट की सीमा 30 लाख रुपये से बढ़ा दी। बाद में योजनाबद्ध तरीके से उसने अन्य ग्राहकों के खाते से 2.63 करोड़ रुपये मणि ट्रेडर्स के खाते में स्थानांतरित कर दिए। बाद में इस राशि को अन्य बचत खातों में भेज सारी नकदी निकाल ली थी। धोखाधड़ी में संलिप्तता पाए जाने पर एसीपी अनिल सामोता की टीम ने पांच जनवरी को रामपत सिंह और अमित कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि रामपत सिंह बैंक ऑफ इंडिया में क्लर्क के रूप में नौकरी शुरू की थी। बाद में वह वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर पदोन्नत हो गया था। वरिष्ठ प्रबंधक रहते हुए वह लकड़ी का काम करने वाले अमित कुमार के संपर्क में आया था।

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