प्रवर्तन निदेशालय के फर्जी कागज दिखा कर लोन दिलाने वाला दो ठग गिरफ्तार
सस्ती दर पर लोगों को लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले दो बदमाशों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। कम ब्याज दर पर लोगों को लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले दो बदमाशों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। ये लोग प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित कई एजेंसियों के फर्जी कागजात दिखाकर लोगों से ठगी करते थे। पकड़े गए बदमाशों की पहचान नंदग्राम, गाजियाबाद के रहने वाले सतीश ढींगरा और दिल्ली के गोविंदपुरी के रहने वाले रत्नाकर लाल के रूप में हुई है।
दोनों बदमाशों को क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर प्रभांशु और उनकी टीम ने गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर राजीव रंजन ने बताया कि धीरेंद्र नारायण ने शिकायत दी थी कि लोन दिलाने के नाम पर उसके साथ 38 लाख रुपये की ठगी की गई है। मामले की जांच डीसीपी राजेश देव की देखरेख में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर प्रभांशु को दी गई।
शुरुआती जांच में यह पता लगा कि सतीश और रत्नाकर ने कई लोगों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है। सतीश ने एक एजेंसी खोली थी। वह शिक्षा, व्यवसाय और प्रॉपर्टी सहित अन्य कार्यो के लिए कम ब्याज दर पर लोन दिलाने का झांसा देता था। रत्नाकर सभी प्रकार के फर्जी दस्तावेज तैयार करता था।
सबसे पहले लोन दिलाने के लिए शिकार को फंसाने के बाद ये उससे प्रोसेसिंग फीस के रूप में कुछ रुपये अपने खाते में लेते थे। इसके बाद जितना लोन चाहिए, उससे अधिक लोन दिलाने के नाम पर कमीशन अपने खातों में डलवाते थे। पैसे खाते में आने के बाद वे बताते थे कि ईडी और कई एजेंसियों ने उनका करीब तीन करोड़ रुपये जब्त कर लिया है। जैसे रुपये वहां से मिलेंगे, लोन मिल जाएगा।
कमीशन का पैसा लेने के बाद वे धीरे-धीरे किनारा करने लगते और फिर अचानक ऑफिस और फोन बंद करके गायब हो जाते थे। सर्विलांस के जरिये सतीश को नंदग्राम से पकड़ लिया गया। उससे पूछताछ के बाद रत्नाकर को भी गिरफ्तार कर लिया गया।