Delhi Riots: करावल नगर में घर व दुकानों में आगजनी के मामले में दो आरोपित बरी
दिल्ली दंगे में करावल नगर इलाके मारपीट चोरी और आगजनी के एक मामले में सोमवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने दो आरोपितों को बरी का दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट के कोर्ट ने आदेश में कहा कि दोनों पर आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं है।
नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। दिल्ली दंगे में करावल नगर इलाके मारपीट, चोरी और आगजनी के एक मामले में सोमवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने दो आरोपितों को बरी का दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट के कोर्ट ने आदेश में कहा कि दोनों पर आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं है। गवाह भी केवल है, जबकि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत इस तरह के मामलों में आरोप तय करने के कम से कम दो गवाहों की जरूरत होती है। इन पर आरोप तय करना समय की बर्बादी होगी।
पिछले साल 24 फरवरी को करावल नगर इलाके के शिव विहार क्षेत्र में दंगाइयों ने कई घरों और दुकानों में चोरी कर आग लगा दी थी। पथराव में घायल हुए प्रमोद कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया था। जांच के दौरान मिली 13 शिकायतों को भी इस मुकदमे में जोड़ दिया गया था।
पुलिस ने इस केस में परवेज और अशरफ को आरोपित बनाया था। आरोपों के बिंदुओं पर कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपित परवेज की ओर से अधिवक्ता जेड बाबर चौहान और आरोपित अशरफ की तरफ से अधिवक्ता सलीम मलिक ने पक्ष रखा कि उनके मुवक्किलों को मामले में गलत फंसाया गया है।
गवाह की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि घटना के दो माह बाद पुलिस ने उसका बयान लिया है। उससे भी आरोपितों की पहचान परेड नहीं कराई गई है। अभियोजन पक्ष ने गवाह के बयान और आरोपितों के प्रकटीकरण बयान को आधार बनाकर आरोप तय करने की मांग की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि साक्ष्य अधिनियम के तहत आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है।