स्मार्ट सिटी के लिए खतरा बने 500 सूखे पेड़ हटेंगे, मगर विभाग की परेशानी सुन हो जाएंगे हैरान
औद्योगिक नगरी में 500 पेड़ अब सूख गए हैं। ये आमजन के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं। आंधी के समय अक्सर पेड़ गिरकर जान-माल की क्षति होने का खतरा बना हुआ है।
फरीदाबाद, जेएनएन। औद्योगिक नगरी में करीब 500 पेड़ अब सूख गए हैं। ये आमजन के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं। आंधी के समय ये पेड़ गिरकर अक्सर जान-माल के लिए खतरा बन जाते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग, बाईपास, लिंक मार्ग, पार्क व ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे सूखे पेड़ नजर आ जाएंगे। इनकी संख्या 500 से अधिक बताई जा रही है। वन विभाग ने अपने क्षेत्र में आने वाले 250 पेड़ों की सूची तैयार कर ली है जिन्हें अप्रैल या मई में काटे जाने का दावा किया जा रहा है।
बल्लभगढ़ से मंझावली मार्ग किनारे अलग-अलग स्थानों पर दर्जनों सूखे पेड़ गिरने की कगार पर हैं। इस मार्ग से 50 से अधिक गांव, शिक्षण सहित अन्य संस्थान में जाने के लिए हजारों लोग सफर करते हैं। कई बार पेड़ गिरने से मार्ग अवरूद्ध हो जाता है तो कभी वाहनों व चालकों को भी क्षति पहुंचती हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग, बाईपास, बड़खल-सूरजकुंड रोड, बल्लभगढ़, एनआइटी, ओल्ड व सराय इलाके सहित अन्य लिंक मार्ग पर सूखे पेड़ हैं।
सीएम विंडो पर दी शिकायत
वन विभाग की ओर से कभी मार्गों का सर्वे ही नहीं किया जाता जिससे यह पता लग सके के सरकारी पेड़ों की हालत कैसी है। कई बार लिखित शिकायत देकर इन पेड़ों को काटने की गुहार लगाई जा चुकी है, पर सुनवाई नहीं हो रही है। अब सीएम विंडो पर शिकायत दी है।
राजू त्यागी, अल्लीपुर
सेक्टरों व कई सड़क किनारे काफी सूखे पेड़ हैं। अब ये पेड़ खतरा बने हुए हैं। इसलिए इन्हें तुरंत काटा जाना जरूरी है, वरना बड़ा हादसा हो सकता है।
एनके गर्ग, चेयरमैन कंफडेरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए
सूखे पेड़ कई विभागों में बंटे हुए हैं। नगर निगम, हुडा के अंतर्गत आने वाले पेड़ संबंधित विभाग काटेंगे पर अनुमति वन विभाग से लेनी होगी। इतना ही नहीं वन विभाग को भी पेड़ काटने के लिए पहले सर्वे करना होता है। हमारे क्षेत्र में 250 ऐसे पेड़ हैं, जिनका सर्वे हो चुका है, इन्हें जल्द काटा जाएगा।
रमेश सैनी, रेंज अधिकारी वन विभाग