Indian Railways: गरीब रथ में सफर करना होगा अब और आरामदायक, राहत देने के लिए रेलवे करने जा रहा ये काम
Indian Railways गरीब रथ में यात्रा करने वालों को रेलवे बड़ी राहत देने जा रहा है। रेलवे ने पुराने कोच को बदलकर इकोनामी एसी क्लास कोच लगाने का फैसला किया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह कोच अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। गरीब रथ ट्रेन का सफर आने वाले दिनों में ज्यादा आरामदायक होगा। इसके पुराने कोच को बदलकर इकोनामी एसी क्लास कोच लगाए जाएंगे। कोच की उपलब्धता के अनुसार चरणबद्ध तरीके से यह बदलाव किया जाएगा। पिछले वर्ष रेलवे ने इकोनामी एसी क्लास कोच की शुरुआत की है। कई ट्रेनों में नई श्रेणी के कोच लगाए जा रहे हैं। इसका किराया थर्ड एसी से लगभग आठ फीसद कम होता है।थर्ड एसी कोच के एक केबिन में कुल आठ और गरीब रथ में नौ सीट (बर्थ) होती है। साइड में दोनों बर्थ के बीच में एक और यात्री के सोने की व्यवस्था की जाती है। इससे कोच में बर्थ की संख्या तो बढ़ जाती है, लेकिन यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इकोनामी एसी क्लास के कोच लगने से यह परेशानी भी दूर हो जाएगी और यात्रियों की संख्या भी कम नहीं होगी। थर्ड एसी में 72 यात्री सफर करते हैं। वहीं, नई श्रेणी के कोच में 83 यात्री सफर करते हैं। हाइ वोल्टेज इलेक्ट्रिक स्विचगियर को कोच के भीतर से हटाकर इसके निचले हिस्से में लगाया है। इससे कोच में 11 अतिरिक्त बर्थ लग सके हैं। इस तरह से कम किराया में ज्यादा यात्री यात्रा कर सकेंगे।
तैयार किए जा रहे हैं आठ सौ कोच
रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) कपूरथला में इकोनामी एसी कोच तैयार किए गए हैं। अब इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई और आधुनिक कोच फैक्ट्री रायबरेली मेें इसका उत्पादन करने का फैसला किया गया है जिससे अगले साल तक आठ सौ कोच तैयार हो सके। इस समय 26 जोड़ी गरीब रथ चल रही हैं।
इसके निर्माण पर कम खर्च
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह कोच अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, बावजूद इसे बनाने में कम खर्च आया है। इसकी लागत 2.75 करोड़ रुपये आई है। वहीं, थर्ड एसी कोच को बनाने में 3.85 करोड़ रुपये की लागत आती है।
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किए गए हैं कई बदलाव
कोच के बनावट में कई बदलाव किए गए हैं। दरवाजे व शौचालय दिव्यांगजनों की सुविधा के अनुसार तैयार किए गए हैं। बीच और ऊपर के बर्थ पर चढ़ने के लिए सीढ़ी भी ज्यादा आरामदायक है। इसी तरह से यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर कोच में कई अन्य बदलाव किए गए हैं।
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