Delhi-Ghaziabad-Meerut Rapid Rail: घट जाएंगे 1 लाख वाहन; रोज हजारों लोगों को होगा लाभ
Delhi To Meerut दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि इससे न केवल दिल्ली का प्रदूषण कम होगा, बल्कि यातायात जाम से भी काफी हद तक निजात मिल सकेगी।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi To Meerut: दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के साथ ही अगले कुछ सालों में दिल्ली-एनसीआर की परिवहन व्यवस्था का नया स्वरूप भी साफ दिखाई देने लगा है। रैपिड रेल के जरिये न सिर्फ मेट्रो व रेल से भी कम समय में अपने गंतव्य की दूरी तय की जा सकेगी, बल्कि अधिक सुविधाएं भी यात्रियों को मिलेंगी।
खास बात यह भी है कि प्रोजेक्ट को परिवहन के अन्य साधनों के साथ एकीकृत करके क्रियान्वित किया जाएगा। एनसीआर परिवहन निगम के मुताबिक दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के तैयार होने के बाद दिल्ली से मेरठ तक की दूरी साठ मिनट से भी कम समय में तय की जा सकेगी। अगर किसी यात्री को रैपिड रेल से बीच में उतर कर किसी दूसरे परिवहन की सेवाएं लेनी हैं तो भी उसे दिक्कत नहीं होगी।
कॉरिडोर पर बनने वाले 18 स्टेशनों में से 12 मेट्रो स्टेशनों से जुड़े होंगे, तो कई स्टेशनों की कनेक्टिविटी एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन व बस अड्डे से होगी। दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि इससे न केवल दिल्ली का प्रदूषण कम होगा, बल्कि यातायात जाम से भी काफी हद तक निजात मिल सकेगी।
निगम के मुताबिक कॉरिडोर से करीब एक लाख वाहनों से लगने वाले जाम व निकलने वाले धुएं से राहत मिलने की संभावना है। रैपिड रेल की खासियत भी मेट्रो ट्रेन व भारतीय रेल से कहीं अत्याधुनिक होगी।
सुरक्षा के लिए सीसीटीवी व सर्विलांस सिस्टम तो होगा ही, मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग के प्वाइंट भी होंगे। सामान के लिए अलग से जगह होगी। ट्रेन में न केवल महिला कोच बल्कि बिजनेस क्लास की भी व्यवस्था रहेगी।
एनसीआर परिवहन निगम के महाप्रबंधक सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि कैबिनेट ने मंजूरी भले ही मंगलवार को दी हो, लेकिन कुछ बजट आवंटन पिछले साल ही होने के कारण इस कॉरिडोर पर पहले से ही काम अपनी गति से चल रहा है।
कॉरिडोर के ट्रैक की मिट्टी की जांच पूरी हो चुकी है। विशेषज्ञ पैनल नियुक्त करने के लिए टेंडर निकाला जा चुका है तो अनेक कंस्ट्रक्शन कंपनियों के साथ भी बैठक की जा चुकी है। जल्द ही इस कॉरिडोर के निर्माण कार्य के लिए टेंडर भी निकाल दिया जाएगा।
मेरठ की सीमा में पड़ेगी 25 किलोमीटर
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट का लगभग 25 किलोमीटर का हिस्सा मेरठ से ही गति पकड़ेगा। इसके लिए मेरठ में इंजीनियर तैनात कर प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग होगी। 182 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट में मेरठ की सीमा में 25 किलोमीटर का हिस्सा आ रहा है। इसके अंतर्गत 12 स्टेशन सहित एक डिपो भी है। इसको देखते हुए मेरठ में फील्ड कार्यालय खोला गया है। इससे पहले सभी कार्य पूरे कर लिए गए हैं। मिट्टी की जांच से लेकर अन्य सभी कागजी कार्रवाई पूरी की जा रही है।
रैपिड-कम-मेट्रो का रूट भी अहम
इस रूट पर ही रैपिड-कम-मेट्रो भी चलाए जाने का विचार है। इसके लिए छह मेट्रो स्टेशन भी चिह्न्ति किए जा चुके हैं। रैपिड के साथ मेट्रो चलाने का विचार काफी समय से चल रहा है। माना जा रहा है कि यह प्लान भी लगभग फाइनल है। मेट्रो के स्टेशनों में परतापुर, रिठानी, ब्रह्मपुरी, एमईएस कॉलोनी, डोरली, भैंसाली शामिल हैं।
125 किलोमीटर की सीमा में स्टेशन
मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दीनगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डोरली, मेरठ उत्तर, मोदीपुरम (स्टेशन कम डिपो)।
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