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Delhi Lockdown Extension: दिल्ली में लॉकडाउन बढ़ने से दुविधा में व्यापारी, सरकार से मांग रहे मदद

एक तरफ लॉकडाउन से उन्हें जबरदस्त आर्थिक चोट लग रही है तो बाजार खुलने की स्थिति में कोरोना संक्रमण का भय सता रहा है। जान है तो जहान का फंडा अपनाकर फिलहाल लॉकडाउन बढ़ाने के सरकार के फैसले का साथ देने को मजबूर हैं।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 09:52 AM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 09:52 AM (IST)
Delhi Lockdown Extension: दिल्ली में लॉकडाउन बढ़ने से दुविधा में व्यापारी, सरकार से मांग रहे मदद
Delhi Lockdown Extension: दिल्ली में लॉकडाउन बढ़ने से दुविधा में व्यापारी, सरकार से मांग रहे मदद

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के व्यापारी दुविधा में हैं। एक तरफ लॉकडाउन से उन्हें जबरदस्त आर्थिक चोट लग रही है, तो बाजार खुलने की स्थिति में कोरोना संक्रमण का भय सता रहा है। जान है तो जहान का फंडा अपनाकर फिलहाल लॉकडाउन बढ़ाने के सरकार के फैसले का साथ देने को मजबूर हैं। हालांकि, जैसे-जैसे दिल्ली में लॉकडाउन बढ़ाया जा रहा है, व्यापारियों की तरफ से आर्थिक मदद व करों में राहत की मांग तेज हो गई है। पुरानी दिल्ली के व्यापारियों ने 'वाल सिटी मोर्चा' के तहत ऑनलाइन बैठक कर इसकी मांग उठाई तथा केंद्र व राज्य सरकार से राहत की मांग की। व्यापारियों ने कहा कि सिस्टम की असफलता का खामियाजा उन्हें, उनके परिवार तथा कर्मचारियों व मजदूरों को उठाना पड़ रहा है। इसलिए ऑटो रिक्शा चालकों तथा निर्माण मजदूरों की तरह व्यापार क्षेत्र में भी राहत की पहल होनी चाहिए।

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इस बैठक में द बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश सिंघल, दिल्ली इलेक्टि्रकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान भारत आहूजा, फेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव, दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन के महासचिव श्रीभगवान बसंल व वेजिटेबल आयल ट्रेडर्स एसोसिएशन, नया बाजार के अध्यक्ष हेमंत गुप्ता के साथ ही पुरानी दिल्ली के 20 प्रमुख थोक बाजारों के प्रधान मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व आयकर में राहत की मांग की। कहा कि जीएसटी रिटर्न फाइल करने समेत अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने की अवधि में राहत दी जाए। यह राहत आयकर रिटर्न भरने में भी मिले।

योगेश सिंघल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना की भयावह स्थिति है। ऐसे में सरकार ने लाकडाउन लगाकर उन लोगों को इस भय के वातावरण में बाजार आने के धर्म संकट से बचा तो लिया है, लेकिन बड़ा सवाल अब व्यापारियों के सामने गहराए बड़े आर्थिक संकट का है। बाजार बंद है, पर बिजली का मीटर चल रहा है, बैंक का ब्याज चढ़ रहा है। टेलीफोन का बिल और दुकान का किराया भी चालू है। व्यापारी सबसे ज्यादा राजस्व देते हैं, लिहाजा संकट के इस समय में सरकार को व्यापारियों की मदद करनी चाहिए।

श्रीभगवान बंसल ने कहा कि अकेले पुरानी दिल्ली में दो लाख से अधिक कारोबारी प्रतिष्ठान हैं, जिनमें लाखों लोग काम करते हैं, वे सब व्यापारियों के भरोसे हैं। ऐसे में उन्हें भी निश्चित आर्थिक मदद मिलनी चाहिए, ताकि उनके परिवार का भी गुजर बसर हो सके और व्यापारियों पर इसका ज्यादा बोझ नहीं पड़े। वहीं, भारत आहूजा ने कहा कि अचानक लाकडाउन लगने से सैकड़ों व्यावसायिक वाहन माल लेकर बीच रास्ते खड़े हैं, जिससे माल खराब होने, लूटपाट होने की घटनाएं हो रही हैं। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और व्यावसायिक वाहनों के संचालन की अनुमति देनी चाहिए।


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