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Exclusive: टूलकिट मामले में आई नई जानकारी, शांतनु ने टिकरी बॉर्डर पर बिताए थे 8 दिन

टूलकिट मामले के अहम आरोपित शांतनु मुकुल के बारे में दिल्ली पुलिस के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार वह 20 से 27 जनवरी तक टिकरी बॉर्डर पर आंदोलनकारियों के बीच बिताया था। इस दौरान उसने कई किसान नेताओं से गोपनीय मीटिंग की थी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 16 Feb 2021 08:36 PM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 07:41 AM (IST)
Exclusive: टूलकिट मामले में आई नई जानकारी, शांतनु ने टिकरी बॉर्डर पर बिताए थे 8 दिन
टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन करते हुए।

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। किसान आंदोलन के बाद चर्चा में आया टूलकिट जिससे देश की छवि को खराब करने की साजिश रची जा रही थी इसमें दिल्ली पुलिस की जांच में बहुत ही अहम खुलासे से मामला बेहद सनसनीखेज हो गया है। टूलकिट मामले के अहम आरोपित शांतनु मुकुल के बारे में दिल्ली पुलिस के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार वह  20 से 27 जनवरी तक टिकरी बॉर्डर पर आंदोलनकारियों के बीच बिताया था। इस दौरान उसने कई किसान नेताओं से गोपनीय मीटिंग की थी।

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कैसे हुआ खुलासा

माना जा रहा है कि उपद्रव के मसले पर ही उसने रणनीति तैयार की हो। उसके मोबाइल के लोकेशन से इस बात की जानकारी मिली है। हालांकि साइबर सेल के अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। उनका कहना है कि शांतनु के पकड़े जाने पर पूछताछ के बाद ही इस बारे में पता चल सकेगा।

कौन है शांतनु

शांतनु का पूरा नाम शांतनु मुकुल है। यह पेशे से इंजीनियर है और देश की आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र के बीड़ का रहने वाला है। बताया जाता है कि खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीजेएफ) से जुड़ा है। इसने टूलकिट के डॉक्यूमेंट तैयार किए थे। जिसे लोगों तक पहुंचाया गया है 26 जनवरी को किसान आंदोलन में जो हिंसा हुई है उस दौरान ट्विटर पर कई चीजों को ट्रेंड कराने की कोशिश की गई।

देश की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश

बता दें कि किसान आंदोलन दिल्ली के कई बॉर्डर पर पिछले दो महीनों से ज्यादा समय से चल रहा है। हरियाणा की तरफ से जुड़े दिल्ली के टिकरी और सिंघु बॉर्डर और उत्तर प्रदेश की तरफ से दिल्ली के बॉर्डर यूपी गेट पर किसान अपनी मांग के लिए अड़े हुए है। इनकी मांग है कि सरकार नए कृषि कानून को खत्म करे तभी ये लोग अपना धरना खत्म करेंगे। इसी दौरान इन लोगों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की बात कही। हालांकि दिल्ली पुलिस से लेकर हरियाणा और यूपी पुलिस ने इसके लिए बकायता रूट निर्धारित कर दिया था मगर कुछ उपद्रवियों ने इस रूट को नहीं मानते हुए दिल्ली में आइटीओ और फिर लाल किले तक उत्पात मचाया। इस दौरान ट्विटर पर सरकार के खिलाफ कई विदेशी हस्तियों ने पोस्ट कर भारत की छवि को खराब करने की साजिश रची। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में काफी अच्छी रणनीति के तहत इस खेल में पीछे छुपे कई चेहरों को बेनकाब कर दिया है। ये लोग भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब करने की कोशिश में थे।


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