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Bajrang Punia wins: बजरंग पूनिया ने निभाया माता से किया वादा, पिता ने बताया बेटा क्‍यों चूका गोल्‍ड से

Tokyo Olympics 2020 बजरंग के पिता बलवान सिंह का कहना है कि बजरंग आज तक भी खाली हाथ नहीं लौटा है। देश की दुआएं उनके साथ है। उनका कहना है कि चिंता मत करो देश खातिर मेडल त लावैगा एै।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 07 Aug 2021 04:36 PM (IST)Updated: Sat, 07 Aug 2021 08:19 PM (IST)
Bajrang Punia wins: बजरंग पूनिया ने निभाया माता से किया वादा, पिता ने बताया बेटा क्‍यों चूका गोल्‍ड से
स्वजनों के साथ ही खेल प्रेमियों को भी उम्मीद को बजरंग ने पूरा किया।

नई दिल्ली/सोनीपत [दीपक गिजवाल]। Bajrang Punia win:  सोनीपत के रहने वाले देसी अंदाज से लबरेज बजरंग के कारनामे से देश-दुनिया को आज गर्व हो रहा है। 65 किलो वर्ग में पहलवान बजरंग पूनिया ने कांस्य जीता है। इससे पहले उनके घर पर एवं देश में बजरंग पूनिया की जीत के लिए दुआओं का दौर जारी था। घर से लेकर मंदिरों तक में बजंरग पूनिया की जीत के लिए पूजा-अर्चना की जा रही थी। मैच से पहले बजरंग के घर के आंगन में बने मंदिर में पूजा-पाठ किया गया। शनिवार सुबह भी स्वजनों ने पूजा-अर्चना की। स्वजनों के साथ ही खेल प्रेमियों की उम्मीद को बजरंग ने पूरा किया। वह देश को कांस्य पदक जीता कर हार के गम को भुला लोगों की झोली खुशियों से भर दी है। अब खेलप्रेमियों के चेहरे पर मुस्कान है। इधर, पूनिया के जीतते ही भाई भावुक हो गए एवं रोते हुए बोले तपस्या सफल हुई।

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टोक्यो ओलिंपिक में स्वर्ण पदक से चूकने के बाद बजरंग फ्री स्टाइल कुश्ती के 65 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक के लिए शनिवार को खेले। दोपहर तीन बजे के बाद उनका मुकाला शुरू हुआ जिसका इंतजार करीब साढ़े चार बजे मिला। सेमीफाइनल में जबरदस्त फाइट के बाद बजरंग सेमीफाइनल में हार गए थे, जिससे उनकी स्वर्ण पदक की उम्मीद टूट गई। हालांकि अब कांस्य जीत कर उन्होंने इसकी भरपाइ की है।

जानें पिता ने जीत पर क्या कहा

बजरंग के पिता बलवान सिंह का कहना है कि बजरंग आज तक भी खाली हाथ नहीं लौटा है। देश की दुआएं उनके साथ है। उनका कहना है कि चिंता मत करो, देश खातिर मेडल त लावैगा एै। हार जीत-खेल का हिस्सा है, कांस्य पदक जीतकर देश को निराशा से उबारेगा बजरंग। आखिरकार ऐसा हुआ भी। पिता के साथ-साथ देशवासियों के भरोसे पर उन्होंने अपनी जीत की मुहर लगा दी।

 

मां ने कहा - जीत हार खेल में चलता रहता है

वहीं, बजरंग की मां ओमप्यारी ने कहा कि चिंता की कै बात है खेल में तो यो चलता रहवै सै। एक और मौका है बजरंग उसमें तोड़ बठा देगा।भगवान से कामना की है कि बेटे को हौसला दे। कांस्य के लिए जमकर लड़े। घर आए साथी पहलवान कृष्ण ने कहा बजरंग बहुत मजबूत इच्छा शक्ति वाला इंसान है, यूं हार नहीं मानने वाला। देश के लिए पदक लेकर ही लौटेगा।

पिता ने भी माना चोट बनी सेमीफाइनल में हार की वजह

बजरंग के पिता का कहना है कि एक महीना पहले उसके घुटने में चोट लग गई थी। वह खेल के लिए जुनूनी और जिद्दी है हार मानने के बजाय सामना करने में विश्वास रखा है कि चोट के बावजूद वह सेमीफाइनल तक पहुंचा। हालांकि, चोट की वजह से वह अटैकिंग नहीं खेल पाया, जिसका खामियाजा सेमीफाइनल में भुगतना पड़ा।

इधर, ओलिंपिक में भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा द्वारा गोल्ड मेडल जीतने पर फरीदाबाद में एनआइटी में खेल प्रेमी तिरंगे के साथ भारत माता की जय घोष करते हुए और ढोल की थाप पर जमकर झूमा। वहीं दिल्ली में भी कई जगह लोग जश्न मना कर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं।


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