Tokyo Olympic 2020: फूल-माला और ढोल नगाड़ों के साथ विजेता खिलाड़ियों का स्वागत करने एयरपोर्ट पर उमड़े दिल्ली और हरियाणा के हजारों लोग
टोक्यो ओलिंपिक 2020 में एतिहासिक प्रदर्शन कर रहे लौट खिलाड़ियों का स्वागत करने के लिए इंदिरागांधी एयरपोर्ट पर हरियाणा और दिल्ली के खेल प्रेमी काफी संख्या में जमा हुए। ढोल नगाड़ों के साथ एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
नई दिल्ली, एएनआइ। टोक्यो ओलिंपिक 2020 में एतिहासिक प्रदर्शन कर रहे लौट खिलाड़ियों का स्वागत करने के लिए इंदिरागांधी एयरपोर्ट पर हरियाणा और दिल्ली के खेल प्रेमी काफी संख्या में जमा हुए। ढोल नगाड़ों के साथ एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। पालम स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाले खिलाड़ियों के भव्य स्वागत के लिए यहां पर तैयारियां की गई है।
जीते हुए खिलाड़ियों को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में बधाई दी जाएगी और सम्मानित किया जाएगा। स्टेडियम में बड़ी भीड़ के जमा होने का अनुमान पहले से ही था। इसी वजह से एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर भी दिल्ली पुलिस की ओर से सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं।
इससे पहले स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) ने खिलाड़ियों को बधाई देने वाले कार्यक्रम से पहले दिल्ली पुलिस को चिट्ठी लिखी थी इसमें कहा गया है कि इस बार टोक्यो ओलंपिक में 2008 के बाद पहली बार गोल्ड मेडल आया है। ऐसे में भीड़ के मद्देनजर आस-पास के इलाकों में सुरक्षा इंतजाम पुख्ता किए जाएं। किसी भी तरह से लोगों को दिक्कत न हो इसके लिए ट्रैफिक पुलिस, ट्रैफिक की व्यवस्था भी दुरुस्त रखे।
स्पोटर्स अथॉरिटी के पत्र के बाद से ही दिल्ली पुलिस का कहना है कि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के इंतजाम बेहद सख्त रहेंगे। एयरपोर्ट और अन्य जगहों से स्टेडियम आने वाले खिलाड़ियों के पहुंचने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए भी बंदोबस्त किया गया है।
खिलाड़ियों के एयरपोर्ट पर उतरने से पहले ही यहां हरियाणा के तमाम गांवों के सैकड़ों लोग फूल माला और बैंड बाजा लेकर खिलाड़ियों के स्वागत के लिए पहुंच चुके थे। बजरंग पुनिया, नीरज चोपड़ा के गांवों से भी लोग यहां आए थे। एयरपोर्ट पर खिलाड़ियों के पहुंचने के बाद उनके साथ सेल्फी लेने की भी होड़ दिखाई दी। काफी संख्या में महिलाएं भी इन खिलाड़ियों का स्वागत करने के लिए यहां पहुंची हुई थी। कई महिलाएं तो ढोल नगाड़ों की धुन पर नाच भी रही थीं।