दिल्ली के सरिता विहार में मकान का छज्जा गिरने से तीन मजदूर दबे, एक की मौत
पुलिस ने खलील और शुभम को बाहर निकाल लिया लेकिन धर्मवीर मलबे के बीच में फंस गया और छज्जे के लिंटर के नीचे दब गया। जिसके लिए पहले दिल्ली फायर सर्विस की टीम को बुलाया गया लेकिन सफलता न मिलने पर एनडीआरएफ टीम को सूचित किया गया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सरिता विहार के जी पाकेट में फ्लैट की बालकनी पर चल रहे मरम्मत कार्य के दौरान छज्जा ढहने से तीन मजदूर दब गए। पुलिस ने दो मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, जबकि एक मजदूर मलबे में चार घंटे फंसा रहा। एनडीआरएफ व फायर सर्विस की टीम ने काफी मशक्कत के बाद युवक को निकालकर अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, सरिता विहार जी पाकेट में फ्लैट नंबर-168 में हरीश रौतेला पत्नी के साथ रहते हैं। दो माह पहले उन्होंने फ्लैट की बालकनी पर निकले छज्जे पर निर्माण कार्य कराते हुए वहां दीवार बना दी थी। उसी दीवार पर ग्रिल और दरवाजा लगाने का काम हो रहा था, जबकि एक मजदूर वहीं दीवार पर पेंट कर रहा था। इस दौरान अचानक दीवार व छज्जा ढहने से नीचे ग्रिल की वेल्डिंग का काम कर रहे धर्मवीर, उसके भांजे शुभम व पेंट कर रहे मजदूर खलील मलबे में दब गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने खलील और शुभम को बाहर निकाल लिया, लेकिन धर्मवीर छज्जे के लेंटर के नीचे दब गए।
इसके लिए पहले दिल्ली फायर सर्विस की टीम को बुलाया गया, लेकिन सफलता न मिलने पर एनडीआरएफ की टीम को सूचित किया गया। 1:30 बजे एनडीआरएफ टीम मौके पर पहुंची और 3 बजे टीम ने युवक को मलबे से बाहर निकाल लिया। युवक को आनन-फानन में एम्स अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
हाथों से उठाकर साइड लगा दी कार
ज्यादा देर तक मजदूर के नहीं निकल पाने पर दिल्ली फायर सर्विस के कर्मियों ने हाइड्रोलिक सीढ़ी वाले ट्रक को इमारत के पास लाकर युवक को निकालने का प्रयास किया। इस दौरान सड़क पर खड़ी कार के चलते ट्रक गली में नहीं घुस पा रहा था। ऐसे में वहां मौजूद लोगों ने हाथों से ही कार को उठाकर किनारे कर दिया और ट्रक को मौके तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाया।
मलबे से बाहर निकले हाथ को देखकर रोते रहे स्वजन
मजदूरों के दबने की सूचना मिलते ही बिलखते हुए स्वजन मौके पर पहुंच गए। घटनास्थल को पुलिस ने फीता लगाकर बंद कर दिया था। इसके चलते स्वजन दूर से ही बिलखते रहे। इस दौरान इमारत के दूसरी तरफ से मलबे में दबे मजदूर का एक हाथ बाहर निकला दिख रहा था। इसे देख स्वजन बेकाबू हो गए और उन्होंने वहां खड़े मीडियाकर्मियों पर भी हमला कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने परिवार वालों को इमारत से दूर रोका और सिर्फ एक सदस्य को अंदर जाने की अनुमति दी, जिसके बाद वे शांत हुए। इस मामले में मकान मालिक के खिलाफ लापरवाही और गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
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