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फंड के अभाव में पश्चिमी दिल्ली में तीन पुलों के निर्माण कार्य में आया ठहराव, लंबा वक्त लगना तय

झटीकरा का पुल का निर्माण कार्य पूरा जरुर हो गया है लेकिन अभी तक यह पुल खोला नहीं जा सका है। दिल्ली सरकार से फंड मिलने के बाद पिछले साल ही बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग ने तीनों जगह निर्माण कार्य शुरू किया था।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 03:13 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 03:13 PM (IST)
फंड के अभाव में पश्चिमी दिल्ली में तीन पुलों के निर्माण कार्य में आया ठहराव, लंबा वक्त लगना तय
तीनों पुलों का निर्माण कार्य कुछ दिन से बंद भी पड़ गया है

पश्चिमी दिल्ली [बिरंचि सिंह]। दिल्ली सरकार ने इलाके के गांवों में आवागमन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिन पुलों का निर्माण कार्य युद्ध् स्तर पर शुरू कराया था। इनमें से विशेषकर, पश्चिमी दिल्ली इलाके के विकासपुरी का पुल आम जनता के लिए खोला जा सका। झटीकरा का पुल का निर्माण कार्य पूरा जरुर हो गया है लेकिन अभी तक यह पुल खोला नहीं जा सका है। हालांकि, झटीकरा के आस पास डार्क स्पॉट को दूर करने के लिए छह किलोमीटर के दायरे में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए पौने दो करोड़ का फंड जारी हो कर दिया गया है।

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कुछ ही दिनों में स्ट्रीट लाइटें लग जाएंगी। यह पुल भी आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। लेकिन दिल्नी सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में तीन पुलियों की जगह तीन पुल बनाए जाने में फंड की कमी रोड़ा बन गया है। इनके निर्माण कार्य को गति मिलने के बजाए ठहराव आ गया है। मसलन, फंड की कमी से निर्माण कार्य में गतिरोधपैदा हो गया है। वड़ुसराय, भरथल और छावला तीनों पुलों का निर्माण कार्य कुछ दिन से बंद भी पड़ गया है।

दिल्ली सरकार से फंड मिलने के बाद पिछले साल ही बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग ने तीनों जगह निर्माण कार्य शुरू किया था। इसके तहत भरथल और वडुसराय में चार लेन का और छावला में छह लेन का पुल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। चूंकि, गर्मी के दिनों में धूल मिट्टी उड़ने से दिल्लीवासी परेशान थे। ऐसे में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने थोड़े दिनों तक निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी।

लॉकडाउन के दौरान निर्माण कार्य नहीं हो सका। अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद कामगारों की कमी से निर्माण कार्य को रफ्तार नहीं मिली। अब जब कामगार मिलने शुरू होने लगे ऐसे में निर्माण कार्य में तेजी की उम्मीद की जा रही थी। उम्मीद यह भी थी कि इस साल के अंत तक पुलियों की जगह पुलों का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ग्रामीण इलाकों में आवाजाही आसान हो जाएगी। इन तीनों जगहों पर पुलियों की जगह पुल बनाने पर 67 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान लगाया गया था।

हालांकि, आधा अधूरा पुल बनकर है तैयार है। फंड नहीं मिलने से इन निर्माणाधीन पूलों को पुरा होने में लंबा वक्त लगना भी तय है। अभी फंड की कमी की वजह से निर्माण कार्य रुका पड़ा है। बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रदीप नायक ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फंड की कमी है इसलिए निर्माण कार्य में ठहराव आ गया है लेकिन काम बंद नहीं हुआ है। दैनिक जागरण से बातचीत में स्थानीय विधायक गुलाब सिंह यादव ने कहा कि फंड की कमी से निर्माण कार्य पर असर पड़ना स्वाभाविक है। वहीं उन्होंने उम्मीद भी जताई कि जिस तरह से अन्य परियोजनाओं के लिए फंड रिलीज हो रहा है। इन बड़ी परियोजनाओं के लिए जल्दी ही फंड उपलब्ध हो जाएगा। 

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