दिल्ली के कुख्यात हेरोइन तस्कर शराफत शेख गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 52 वर्षीय शराफत शेख पर 80 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। क्राइम ब्रांच ने वर्ष 2005 में उसे भारी मात्रा में हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था।
नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के कुख्यात हेरोइन तस्कर शराफत शेख द्वारा संचालित अंतरराज्यीय हेरोइन तस्कर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान मध्य प्रदेश के मंदसौर निवासी कुख्यात मो. रफीक सहित हजरत निजामुद्दीन के रहने वाले मो. नासिर हुसैन और मो. फैसल के रूप में हुई है। उनके पास से तीन किलो हेरोइन और तस्करी में प्रयुक्त एक कार बरामद की गई है। पुलिस ने आरोपितों को दिल्ली के रजोकरी इलाके से गिरफ्तार किया।
लॉकडाउन में दोबारा से हुआ था सक्रिय
क्राइम ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर बीके सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के बाद पुलिस को शराफत शेख के मंदसौर मॉड्यूल के तस्कर के दोबारा से सक्रिय होने की सूचना मिली थी। यह भी पता चला कि गिरोह के तस्कर कार से हेरोइन लेकर रजोकरी इलाके में राज्य मार्ग संख्या-8 पर आने वाले हैं। इसके बाद एसीपी गिरीश कौशिक की टीम ने मो. रफीक, मो. नासिर हुसैन और मो. फैसल को गिरफ्तार कर लिया।
तलाशी में तीन किलो हेरोइन बरामद
तलाशी लेने पर उनके पास से तीन किलो हेरोइन बरामद हुई। पूछताछ में पता चला कि रफीक मध्य प्रदेश का कुख्यात ड्रग्स तस्कर है और तीनों दिल्ली के कुख्यात तस्कर शराफत शेख के लिए काम करते हैं। आरोपित नासिर और फैसल शराफत शेख के बेटे वसीम के साथी हैं।
80 से ज्यादा केस दर्ज
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 52 वर्षीय शराफत शेख पर 80 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। क्राइम ब्रांच ने वर्ष 2005 में उसे भारी मात्रा में हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था। उस पर मकोका भी लगाया गया है। उसकी दो पत्नी और बेटे पर भी मुकदमें दर्ज हैं। तस्करी के रुपये से उनसे दिल्ली के अलावा मुंबई और नोएडा में भी कई संपत्तियां बना रखी हैं। 2018 में जेल से बाहर आने के बाद दोबारा से उसने रफीक के साथ मिलकर तस्करी शुरू कर दी थी। वर्तमान में शराफत और उसके परिवार के लोग भूमिगत हैं।
शराफत की जेल में हुई थी रफीक से मुलाकात
दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2003 में रफीक को 10 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था। वह वर्ष 2008 तक तिहाड़ जेल में बंद रहा था। इसी दौरान शराफत की जेल में उससे मुलाकात हुई थी। मध्य प्रदेश के मंदसौर निवासी रफीक 17 वर्षों से तस्करी कर रहा है। जेल से बाहर आने के बाद वह अपने गांव में रहकर तस्करी करने लगा था। वर्ष 2018 में जेल से बाहर आकर शराफत रफीक से मंदसौर से हेरोइन की खेप दिल्ली मंगाने लगा था। रफीक महीने में चार बार में करीब 12 किलो हेरोइन लेकर दिल्ली लाता था। वह दिल्ली आने पर पर शराफत के गेस्ट हाउस में रुकता था। कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान वे हेरोइन की तस्करी नहीं कर पा रहे थे। लॉकडाउन में छूट मिलते ही गिरोह ने दोबारा से हेरोइन की तस्करी शुरू कर दी थी। आरोपित फैसल अपनी ट्रेवल एजेंसी चलाता है जबकि नासीर चालक है।