दिल्ली में मकोका के तीन आरोपित बरी, कोर्ट ने पुलिस पर उठाया सवाल
मकोका के मामले में तीन आरोपितों को बरी करते हुए मंगलवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट के कोर्ट ने आदेश में कहा कि आरोपितों के आपराधिक कृत्य संगठित प्रतीत नहीं होते।
नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के मामले में तीन आरोपितों को बरी करते हुए मंगलवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट के कोर्ट ने आदेश में कहा कि आरोपितों के आपराधिक कृत्य संगठित प्रतीत नहीं होते। साथ ही कहा कि वर्ष 2018 में पूर्वी रेंज संयुक्त पुलिस आयुक्त ने तथ्यों पर दिमाग लगाए बिना इन आरोपितों पर मकोका लगाने की मंजूरी प्रदान कर दी।
इस तरह के मंजूरी आदेश की पूरी तरह से अवहेलना की जानी चाहिए। दिल्ली पुलिस के इतने वरिष्ठ अधिकारी से उम्मीद थी कि वह पहले खुद को संतुष्ट करते कि इस मामले में संगठित अपराध के लिए साक्ष्य पर्याप्त हैं या नहीं। ऐसे में अभियोजन मकोका के तहत आरोपितों पर आरोप साबित करने में विफल रहा है।
वर्ष 2015 में भजनपुरा थाने में सलमान उर्फ दांत टूटा, इमरान उर्फ शोएब उर्फ उमरूद और तनवीर के खिलाफ मकोका के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। अभियोजन ने आरोप लगाया था कि सलमान उर्फ दांत टूटा वर्ष 2003 से अपराध करता आ रहा है। फिर उसने इमरान और तनवीर को अपने साथ लेकर गिरोह बना लिया। ये लोग हत्या, डकैती, लूटपाट, धमकाने, अवैध हथियार रखने समेत कई आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे। इनका बहुत लंबा आपराधिक रिकार्ड है। ये दिल्ली के विभिन्न थाना क्षेत्रों में वारदात करने पर गिरफ्तार हो चुके हैं। वैध आय स्नोत के बिना ये सुख सुविधा सम्पन्न जीवन जीते रहे।
अभियोजन ने बताया कि दिसंबर 2016 में सलमान दिल्ली से गोवा हवाई जहाज में गया था, जिसके लिए 17 हजार रुपये अदा किया था। वह गिरोह बनाकर संगठित रूप में अपराध कर रहा था। इनके अपराधों का रिकार्ड कोर्ट में पेश किया गया। उसमें सलमान पर भजनपुरा, ज्योति नगर, शकरपुर, गाजीपुर, जाफराबाद, सीलमपुर व गोकलपुरी थाने में लूट, डकैती, चोरी और अवैध हथियार के 24 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से पांच में वह बरी हो चुका है। आरोपित इमरान से जुड़े 34 मुकदमों की जानकारी देते हुए बताया कि वह दस मामलों में बरी हो चुका है, एक मामले में लोक अदालत में समझौता हो चुका है।
इसी तरह तनवीर के बारे में बताया कि उस पर 14 मुकदमे थे, जिसमें से वह दो में बरी हो चुका है। साथ ही कोर्ट को अवगत कराया कि सलमान को अक्टूबर 2016 में भगोड़ा घोषित किया गया था, उस पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित हुआ था। इसके बाद ही वह अगस्त 2018 में पकड़ में आया था। इन्हीं अपराधों के आधार पर फरवरी 2018 में इन पर मकोका के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी मिली थी। कोर्ट ने पाया कि आरोपित द्वारा किए गए अपराध मकोका जैसे कड़े कानून की श्रेणी में नहीं आते। मकोका लगाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य न होने पर कोर्ट ने तीनों को बरी कर दिया। कोर्ट ने सलमान को भगोड़ा होने के मामले में भादंसं की धारा 174ए का आरोपित माना है।