नेशनल लेवल का गोल्ड मेडल विजेता फिलहाल मुश्किल दौर में
नेशनल लेवल के गोल्ड मेडलिस्ट पैरा एथलीट खिलाड़ी के पास आज इतने पैसे नहीं हैं कि वह स्पेन में होने वाले वल्र्ड गेम्स में भाग ले सकें।
नई दिल्ली (शिप्रा सुमन)। पैरा एथलीट खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बना चुके मादीपुर के दिव्येश सोंडागर आज मुफलिसी के दौर से गुजर रहे हैं। उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह स्पेन में होने वाले वर्ल्ड गेम्स में भाग ले सकें। गत अप्रैल में अहमदाबाद में हुए नेशनल पैरा एथलीट चैंपियनशिप में 100 और 200 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीतने वाले दिव्येश ने कहा कि वह दिल्ली से अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं जिसका स्पेन में होने वाले वल्र्ड गेम्स-2018 के लिए चयन हुआ है। 6 से 12 अगस्त तक होने वाले इस वल्र्ड गेम्स का आयोजन सीपीआइएसआरए (सेरेब्रल पाल्सी इंटरनेशनल स्पोट्र्स एंड रिक्रिएशन एसोसिएशन) द्वारा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का जो सपना था, उसे पूरा करने में पैसे की तंगहाली सबसे बड़ी बाधा बन गई है। दिव्येश के पिता छगन लाल ने बताया कि उनकी जूते-चप्पल की दुकान है, लेकिन इससे सिर्फ परिवार का भरण-पोषण ही हो पाता है। बेटी की नवंबर में शादी है। ऐसे में बेटे के सपने को परवान चढ़ाने के लिए पैसे का इंतजाम कहां से होगा, यही सोचता रहता हूं। दिव्येश ने बताया कि उन्होंने कई नेताओं और संगठनों के सामने हाथ फैलाया, लेकिन कहीं से कुछ सहायता प्राप्त नहीं हुई। उन्हें वल्र्ड गेम्स में भाग लेने के लिए 6 अगस्त से पहले 1.80 लाख रुपये फीस जमा करानी है।
उन्होंने बताया कि वह मादीपुर के विधायक के पास आर्थिक सहायता मांगने के लिए गए तो उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कराई। मुख्यमंत्री ने दो दिन बाद फिर से मिलने के लिए बुलाया है। देखते हैं क्या होता है।
उन्होंने कहा कि उनके साथ गुजरात के भी पांच पैरा एथलीट खिलाड़ियों का चयन हुआ है। गुजरात की सरकार इन खिलाड़ियों का खर्च उठाने के लिए तैयार है। दिल्ली सरकार को भी अपन खिलाड़ियों की सहायता करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड गेम्स में दौड़ प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर वह देश का नाम करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें आर्थिक मदद की दरकार है।