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Delhi Meerut Expressway Open: दिल्ली से मेरठ सिर्फ 45 मिनट में पहुंचने के दावे की ये है हकीकत

Delhi Meerut Expressway Open नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया भले ही दिल्ली से मेरठ तक पहुंचने के लिए महज 45 मिनट का समय लगने का दावा करता हो लेकिन एक्सप्रेस वे खुलने के पहले दिन अक्षरधाम से मेरठ तक करीब एक घंटा दस मिनट का समय लगा।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 12:47 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 01:36 PM (IST)
Delhi Meerut Expressway Open:  दिल्ली से मेरठ सिर्फ 45 मिनट में पहुंचने के दावे की ये है हकीकत
परतापुर पर 12 लेन का टोल प्लाजा बनाया है। इस टोल पर ऑटोमैटिक टोल कटेगा।

नई दिल्ली/गाजियाबाद [सौरभ पांडेय]। Delhi Meerut Expressway Open:  देश के सबसे अत्याधुनिक दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे का सुहाना सफर  शुरू हो गया। हालांकि पहले ही दिन यानी बुधवार को दिल्ली से मेरठ तक जाने वाले वाहन चालकों को कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। दैनिक जागरण की टीम ने अक्षरधाम से लेकर मेरठ के परतापुर तक एक्सप्रेस-वे पर सफर किया। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया भले ही दिल्ली से मेरठ तक पहुंचने के लिए महज 45 मिनट का समय लगने का दावा करता हो, लेकिन एक्सप्रेस वे खुलने के पहले दिन अक्षरधाम से मेरठ तक करीब एक घंटा दस मिनट का समय लगा।

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अक्षरधाम से मेरठ का सफर शुरू हुआ तो गाड़ियां रफ्तार भरती नजर आईं। सौ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से महज 15 मिनट में ही टीम गाजीपुर बॉर्डर पहुंच गई। हालांकि कृषि कानूनों के विरोध में जारी धरना एक्सप्रेस-वे देश के सबसे बेहतरीन एक्सप्रेस-वे के लिए भी कलंक ही साबित हुआ। वाहन चालकों को आनंद विहार होते हुए वैशाली और इंदिरापुरम जाना पड़ा। इंदिरापुरम से एक बार फिर एक्सप्रेस-वे पर वापसी हुई लेकिन इसके लिए अतिरिक्त 15 मिनट खर्च करने पड़े।

सवारी ऑटो न बन जाएं खतरा

देश के सबसे बेहतरीन एक्सप्रेस वे और उस पर सौ किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ते वाहनों के बीच एक खतरा भी नजर आया। टीम नोएडा सेक्टर 62 कट पर पहुंची ही थी कि यहां पर सड़क के बीच में कुछ आटो चालक सवारी बिठाते नजर आए। एक्सप्रेस-वे की शुरुआत थी तो वाहनचालक भी सतर्क थे। लेकिन भविष्य के लिए ये आटो खतरा हो सकते हैं। ऐसे में एनएचएआइ को इनके लिए स्टैंड की व्यवस्था करनी होगी।

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चिपियाना आरओबी का निर्माण बना समस्या

गाजियाबाद के चिपियाना में रेलवे ट्रैक पर बन रहे रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में वाहन चालक चिपियाना के पास जाम में फंस गए। हालांकि जाम महज दस मिनट का ही था लेकिन वाहनों की लंबी कतार दिखाई दी। उधर, डासना पर एनएचएआइ ने मेरठ और हापुड़ जाने के लिए साइन बोर्ड नहीं लगाए। इसके चलते हापुड़ जाने वाले लोग भी मेरठ की ओर चले गए।

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12 लेन के टोल प्लाजा पर नहीं लगेगा जाम, आटोमैटिक कटेगा टोल

हालांकि पहले दिन वाहनों ने बिना टोल दिए ही सफर किया लेकिन एनएचएआइ ने परतापुर पर 12 लेन का टोल प्लाजा बनाया है। इस टोल पर ऑटोमैटिक टोल कटेगा। ऐसे में वाहन चालकों को भविष्य में जाम से नहीं जूझना पड़ेगा।

आपातकालीन फोन भी होंगे शुरू

डासना से आगे सड़क किनारे आपातकालीन परिस्थितियों के लिए लगाए गए फोन अभी नहीं लगे हैं। खंभे तो स्थापित किए गए हैं, लेकिन इन पर अभी फोन लगना बाकी है। एनएचएआइ का कहना है कि जल्द ही लोगों को यह सुविधा प्रदान कर दी जाएगी।

एक्सप्रेस वे पर जनसुविधाओं का भी अभाव

पूरे एक्सप्रेस वे पर अभी कहीं भी जनसुविधाएं नहीं हैं। अगर किसी यात्री की तबीयत बिगड़ती है अथवा कोई और परेशानी होती है तो यात्रियों को मेरठ अथवा अक्षरधाम पर ही सुविधा मिल सकेगी।


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