तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय ने कहा, 100 फीसद सच है कि अंकिव हमारे छात्र नहीं हैं
सेंथिल कुमार ने कहा कि यह 100 फीसद सच है कि अंकिव हमारे छात्र नहीं हैं। जांच डीयू कर रहा है हम उसकी सहायता कर रहे हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) अध्यक्ष अंकिव बैसोया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उनकी स्नातक की डिग्री को लेकर तमिलनाडु के तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय ने कहा है कि यह सौ फीसद सच है कि अंकिव हमारे छात्र नहीं हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में सितंबर 2018 में हुए छात्रसंघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र नेता अंकिव बैसोया अध्यक्ष पद का चुनाव जीते थे। अध्यक्ष बनने के एक सप्ताह के अंदर नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) ने अंकिव की डिग्री पर सवाल उठाते हुए कुलपति प्रो. योगेश त्यागी को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की थी।
तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय से किया स्नातक
अंकिव ने दावा किया था कि उन्होंने डीयू के बुद्धिस्ट स्टडीज विभाग में इस साल एमए बुद्धिस्ट स्टडीज पाठ्यक्रम में दाखिला लिया था। इससे पहले उन्होंने तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय से स्नातक किया था। इस पाठ्यक्रम की डिग्री एवं अन्य दस्तावेज बुद्धिस्ट स्टडीज विभाग में एमए पाठ्यक्रम में दाखिला लेते समय जमा कराए थे। इसके बाद डीयू ने अंकिव समेत कई छात्रों की स्नातक पाठ्यक्रम की डिग्री की जांच शुरू की थी। डीयू ने तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय को भी पत्र लिखा था।
जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं
तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय के कुलपति और परीक्षा नियंत्रक से दैनिक जागरण के संवाददाता ने मंगलवार को बातचीत की। विश्वविद्यालय के कुलपति के मुरुगन ने कहा कि हम जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। सोमवार को हमारे परीक्षा नियंत्रक सेंथिल कुमार बाला सुब्रमण्यम के पास डीयू का पत्र पहुंचा है। सेंथिल कुमार ने कहा कि डीयू प्रशासन अंकिव की डिग्री मामले में जांच में सहयोग की मांग कर रहा है। हम पूरा साथ दे रहे हैं, लेकिन डीयू ने जांच शुल्क के 500 रुपये नहीं चुकाए हैं।
अंकिव हमारे छात्र नहीं हैं
इस सवाल पर कि सितंबर में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार वी पेरुवलुथी ने तमिलनाडु सरकार को पत्र लिखकर यह जानकारी दी थी कि अंकिव उनके विश्वविद्यालय के छात्र नहीं हैं, तो फिर यह जांच क्यों की जा रही है? इस पर सेंथिल कुमार ने कहा कि यह 100 फीसद सच है कि अंकिव हमारे छात्र नहीं हैं। तमिलनाडु सरकार के शिक्षा विभाग को रजिस्ट्रार ने पत्र लिखकर सूचित कर दिया था कि अंकिव हमारे विश्वविद्यालय के छात्र नहीं हैं, लेकिन जांच डीयू कर रहा है हम उसकी सहायता कर रहे हैं।