Rohit Shekhar murder: 2 किरदारों की एंट्री ने रोहित-अपूर्वा की प्रेम कहानी को बनाया दिलचस्प
Rohit Shekhar murder case पर रोज नए राज खुल रहे हैं। 16 अप्रैल को हुई रोहित की हत्या पर मां उज्ज्वला ने आरोप लगाया था कि अपूर्वा की नजर संपत्ति पर थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोर्ट परिसर में साथ काम करते हुए पहले प्यार हुआ, एक साल प्रेम कहानी चली, फिर हाई प्रोफाइल शादी हुई और शादी के एक साल के भीतर पति की हत्या में पत्नी बनी मुख्य आरोपी। यह किसी फिल्म की पटकथा नहीं, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री रह चुके दिवंगत नारायण दत्त तिवारी के पुत्र रोहित शेखर और उनकी वकील पत्नी अपूर्वा शुक्ला की कहानी है। इस कहानी में तीसरे और चौथे किरदार की एंट्री ने इसे उस खौफनाक अंजाम तक पहुंचाने में मदद की, जिसकी शायद ही किसी ने कल्पना की होगी।
रोहित और अपूर्वा की शादी पिछले साल (2018) 12 मई को दिल्ली के अशोका होटल में हुई। इस समारोह में राजनीति, समाज और कॉरपोरेट वर्ल्ड की नामी-गिरामी शख्सियतें शामिल हुईं। इससे एक महीने पहले अप्रैल में दोनों ने सगाई की थी। उससे पहले सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते हुए दोनों की आंखें चार हुईं और फिर शुरू हुई उनकी लव स्टोरी। उन्हें जानने वालों की मानें तो सामान्य कपल की तरह कोर्टशिप के दौरान भी दोनों दो बार जुदा होते-होते बचे। हालांकि, आखिरकार परिवार और मित्रों के सहयोग से दोनों ने शादी का फैसला किया।
अलबत्ता, शादी के तुरंत बाद से ही दोनों के रिश्ते प्यारपूर्ण तो छोड़िए, सामान्य भी नहीं रह गए। रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा ने उनकी हत्या के बाद कई दफा इस बात का खुलासा किया है। उनके अनुसार, शादी के दिन से ही दोनों के रिश्तों में खटास आनी शुरू हो गई थी। उज्ज्वला के मुताबिक, इसी साल जून में दोनों तलाक के लिए अर्जी भी डालने वाले थे, लेकिन किस्मत ने रोहित को इसके लिए भी वक्त नहीं दिया।
इन सबके बीच रोहित और मूलत: इंदौर की रहने वाली अपूर्वा के रिश्तों के बीच एक अन्य महिला के आने की भी खबर है। यह महिला एनडी तिवारी और उज्ज्वला के परिवार से जुड़ी हुई बताई जा रही है। वैसे उज्ज्वला की मानें तो शादी से पहले अपूर्वा के भी एक मर्द से रिश्ते थे। संभव है कि रोहित को इसकी भनक शुरू में ही लग गई हो और यहीं से दोनों के संबंध मजबूत होने के बदले लगातार कमजोर होते चले गए।
संपत्ति का एंगल
अब जबकि अपूर्वा समेत छह लोग हत्या के गहरे शक की जद में आ चुके हैं, रोहित की मां उज्ज्वला ने संपत्ति के एंगल का सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने अपूर्वा और उसके परिवार पर अपने दोनों बेटों- रोहित (दूसरे पति एनडी तिवारी से) और सिद्धार्थ (उज्ज्वला के पहले पति से) की सम्पत्ति हड़पने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उनके अनुसार, यह जमीन सुप्रीम कोर्ट के करीब है, इसलिए भी अपूर्वा की उस पर नजर थी।
इस तरह नाजायज औलाद से जायज बेटा बने रोहित
शादी से पहले की रोहित शेखर के संघर्ष की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। नाजायज औलाद से जायज बेटा बनने के उनके संघर्ष का दूसरा उदाहरण दुनिया में शायद ही कहीं और हो। अदालत से न्याय मिलने पर उन्होंने कहा था- शायद मैं दुनिया का पहला आदमी हूं जिसने ख़ुद को जायज़ साबित होने के लिए मुकदमा लड़ा हो।
रोहित ने सात साल तक देश के सबसे प्रभावशाली नेताओं में शुमार रहे एनडी तिवारी के ख़िलाफ़ पितृत्व का केस लड़ा। कोर्ट ने डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया। एनडी तिवारी ने नमूना देने से पहले इनकार किया, लेकिन केस जीतने के बाद तिवारी ने रोहित को बेटा मानते हुए उन्हें संपत्ति का वारिस भी बनाया। तिवारी ने रोहित की मां उज्ज्वला से 88 साल की उम्र में शादी भी की। गौरतलब है कि उज्ज्वला से तिवारी के प्रेम संबंध रहे, मगर उन्होंने शादी नहीं की थी। इसी बीच रोहित का जन्म हुआ। 3 मार्च 2014 को एनडी तिवारी ने रोहित शेखर को बेटा माना था।