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दिल्ली-NCR के आसमान में छाया स्मॉग, वायु प्रदूषण गिरा पर AIQ खतरनाक स्तर पर

मंगलवार को दिल्ली-NCR के ज्यादातर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार बना हुआ है जो खतरनाक है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है बुजुर्गों-बच्चों की हालत और खराब है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 12:14 PM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 12:14 PM (IST)
दिल्ली-NCR के आसमान में छाया स्मॉग, वायु प्रदूषण गिरा पर AIQ खतरनाक स्तर पर
दिल्ली-NCR के आसमान में छाया स्मॉग, वायु प्रदूषण गिरा पर AIQ खतरनाक स्तर पर

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Layer of smog envelopes Delhi-NCR : शनिवार शाम से खराब हुई दिल्ली-NCR (National Capital Region) की हवा में दिवाली एक दिन बाद मंगलवार को स्मॉग घुल गया है। दिल्ली-एनसीआर के आसमान में धूल के साथ धुंध का गुबार छाया हुआ है। सुबह से ही यही स्थिति बनी हुई है। मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स  300 के पार बना हुआ है, जो खतरनाक है। लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है, बुजुर्गों और बच्चों की हालत और भी खराब है। प्रदूषण की वजह से दिक्कत में आए लोग अस्पताल भी पहुंच रहे हैं। 

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 वहीं, दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में वायु प्रदूषण का स्तर तो गिरा है, लेकिन एक्यूआइ खतरनाक स्तर पर बरकरार है। मिली जानकारी के मुताबिक, दीपावली पर जलाए गए पटाखों की वजह से सोमवार को जहरीली हुई शहर की हवा मंगलवार दोपहर तक वैसी ही बनी रही। हालांकि सोमवार के मुकाबले मंगलवार सुबह करीब 11 बजे वायु प्रदूषण में करीब 9 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर की गिरावट दर्ज की गई है, जो संतोषजनक नहीं माना जा रहा है। सोमवार रात 10 बजे एक्यूआइ 437 के पार पहुंच गया था। अभी भी एक्यूआइ 428 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ खतरनाक स्तर पर बना हुआ है।

नोएडा सेक्टर-62 में एक्यूआइ सबसे अधिक 452 दर्ज किया गया। यहां पीएम-2.5 452 और पीएम-10 434 दर्ज किया गया। सेक्टर-125 माॅनिटरिंग स्टेशन पर पीएम-2.5 406 व पीएम-10 379, सेक्टर-एक पर पीएम-2.5 430 व पीएम-10 367 और सेक्टर-116 में पीएम-2.5 424 व पीएम-10 367 दर्ज किया गया। वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर होने की वजह से बाहर निकलने वाले लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है व बीमार लोगों की और परेशानी बढ़ सकती है।

वहीं, प्रदूषण को कम करने के लिए संबंधित विभाग कार्रवाई को लेकर गंभीर हो गए हैं। कंपनियों में लगे जेनसेट, कोयले से चलने वाली फैक्ट्रियों, लकड़ी जलाने व निर्माण कार्य पर प्रतिबंध है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी क्षेत्र में निरीक्षण कर रहे हैं।


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