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GNCT Bill: विधेयक पास होने से अब ये होंगे बड़े बदलाव, दिल्ली में सरकार मतलब होगा उपराज्यपाल

GNCT Bill विधेयक में यह स्पष्ट किया गया है कि दिल्ली में सरकार का मतलब उप राज्यपाल हैं। इसके कानून बनने पर दिल्ली सरकार के लिए किसी भी कार्यकारी फैसले से पहले उप राज्यपाल की राय लेनी होगी।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 25 Mar 2021 08:52 AM (IST)Updated: Thu, 25 Mar 2021 08:52 AM (IST)
GNCT Bill: विधेयक पास होने से अब ये होंगे बड़े बदलाव, दिल्ली में सरकार मतलब होगा उपराज्यपाल
दिल्ली सरकार के लिए किसी भी कार्यकारी फैसले से पहले उप राज्यपाल की राय लेनी होगी।

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। GNCT Bill: लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक पारित होने से दिल्ली में कई अहम बदलाव देखने के लिए मिलेंगे। विधेयक में यह स्पष्ट किया गया है कि दिल्ली में सरकार का मतलब उप राज्यपाल हैं। इसके कानून बनने पर दिल्ली सरकार के लिए किसी भी कार्यकारी फैसले से पहले उप राज्यपाल की राय लेनी होगी। इससे पहले बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष ने बिल पारित कराने के लिए मत विभाजन की मांग की। इसके बाद 45 के मुकाबले 83 मतों से विधेयक पारित हो गया। इसके बाद विपक्षी दलों ने वाकआउट कर लिया। फिर विधेयक के विभिन्न खंडों को ध्वनिमत से पारित करा दिया गया।

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  • विधानसभा द्वारा बनाए गए किसी भी कानून में सरकार का मतलब उपराज्यपाल होगा
  • सभी विधायी व प्रशासनिक निर्णयों में उपराज्यपाल से मंजूरी लेना दिल्ली सरकार के लिए अनिवार्य होगा
  • दिल्ली सरकार को विधायी प्रस्ताव 15 दिन पहले और प्रशासनिक प्रस्ताव सात दिन पहले उपराज्यपाल को भिजवाना होगा
  • उपराज्यपाल यदि सहमत नहीं हुए तो वह अंतिम निर्णय के लिए उस प्रस्ताव को राष्ट्रपति को भी भेज सकेंगे
  • यदि कोई ऐसा मामला होगा, जिसमें त्वरित निर्णय लेना होगा तो उपराज्यपाल अपने विवेक से निर्णय लेने को स्वतंत्र होंगे
  • विधानसभा या उसकी कोई समिति प्रशासनिक फैसलों पर जांच नहीं बैठा सकेंगी।

राज्यसभा में बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक पारित होने के दौरान सदन में विधेयक पेश होने के दौरान राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। इसके चलते सदन को कई बार स्थगित करना पड़ा। यह विधेयक लोकसभा से इसी सोमवार को पारित हो चुका है। विधेयक पर लंबी चर्चा के दौरान गरमागरमी का माहौल बना रहा। पूरा सदन शोरशराबे और हंगामे में डूब गया।

आम आदमी पार्टी ने कहा, विधेयक गैर संवैधानिक और अलोकतांत्रिक

संशोधन विधेयक के औचित्य पर आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य संजय सिंह ने सदन में नोटिस दिया था। उन्होंने विधेयक को गैर संवैधानिक और अलोकतांत्रिक बताते हुए रोकने की मांग की। उनके इस भाषण के साथ ही सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार विरोधी नारेबाजी व हंगामा शुरू कर दिया।

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दिल्ली की जनता इस तानाशाही के खिलाफ लड़ेगी: मनीष सिसोदिया

उपराज्यपाल के अधिकारों को बढ़ाने वाला विधेयक बुधवार को राज्यसभा से भी पास हो जाने के बाद आम आदमी पार्टी आक्रामक हो गई है। विधेयक के पास होने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज के दिन को लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया है। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि लोकतंत्र के लिए यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण दिन है। मगर हम अपने संघर्ष को जारी रखते हुए दिल्ली की जनता को न्याय दिलाएंगे। हमारे अच्छे काम के रास्ते में जो भी बाधाएं आएंगी उसे निबटते हुए हम लगातार काम जारी रखेंगे। ना तो दिल्ली के विकास कार्य रुकेंगे और ना ही इसकी रफ्तार रुकेगी।

वहीं मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर लिखा कि आज का दिन लोकतंत्र के लिए काला दिन है। दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के अधिकारों को छीन कर एलजी के हाथ में सौंप दिया गया। विडंबना देखिए कि लोकतंत्र की हत्या के लिए संसद को चुना गया जो हमारे लोकतंत्र का मंदिर है।द दिल्ली की जनता इस तानाशाही के खिलाफ लड़ेगी। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार पर जबरदस्त हमला किया। चड्ढा ने ट्वीट कर लिखा कि जीएनसीटीडी विधेयक पूरी तरह से गैर संवैधानिक है। हास्यास्पद यह है कि इस विधेयक को उस पार्टी के सरकार ने लाई है, जिसे दिल्ली की जनता ने आठ सीटों पर सिमटा दिया है।

वहीं AAP से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने इस बिल को गैर संवैधानिक बिल बताया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि यह गैर संवैधानिक बिल लोकतंत्र का गला घोटकर संसद में पास किया गया है। इस बिल से साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगर किसी से डर है तो उस शख्स का नाम है अर¨वद केजरीवाल। अन्य राज्यों में आम आदमी पार्टी का विस्तार हो रहा है, उससे घबराकर यह बिल लाया गया है।

लोकतंत्र की हत्या

मुदित अग्रवाल (उपाध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस) के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली) संशोधन विधेयक का संसद में पास होना साफ तौर पर लोकतंत्र की हत्या है। हालांकि इस हालात के लिए भाजपा ही नहीं, आम आदमी पार्टी भी दोषी है। आप सरकार हमेशा दिल्ली वासियों की समस्याओं को लेकर लापरवाह रही है। आने वाले दिनों में दिल्ली की जनता को और परेशान होना पड़ेगा।

थोड़ी भ्रांतियां थी वह दूर होंगी

आदेश गुप्ता (प्रदेश अध्यक्ष-भाजपा-दिल्ली प्रदेश) का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एक्ट 1991 में संशोधन विधेयक संसद में पारित होने का स्वागत है। इससे दिल्ली के प्रशासकिय नियमों एवं व्यवस्था में जो थोड़ी भ्रांतियां थी वह दूर होंगी और शासन व्यवस्था मजबूत होने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी होने के दिल्ली के दर्जे को भी संरक्षण मिलेगा।


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