दिल्ली के बार्डर खाली करने में नया पेंच, SKM ने रखी 6 शर्तें; केंद्र को दिया 4 दिसंबर तक का अल्टीमेटम
तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने के बावजूद दिल्ली-एनसीआर का चारों बार्डर (सिंघु टीकरी शाहजहांपुर और गाजीपुर) पर किसानों का धरना प्रदर्शन आगामी 4 दिसंबर तक जारी रहेगा। संंयुक्त किसान मोर्चा ने धरना खत्म करने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष 6 शर्तें रखी हैं।
नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद [नंदकिशोर भारद्वाज]। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने के बावजूद दिल्ली-एनसीआर का चारों बार्डर (सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर और गाजीपुर) पर किसानों का धरना प्रदर्शन आगामी 4 दिसंबर तक जारी रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघु बार्डर पर शनिवार दोपहर में हुए बैठक के बाद कहा है कि आगामी 29 नवंबर का संसद भवन तक ट्रैक्टर मार्च स्थगित कर दिया गया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार को 4 दिसंबर तक अल्टीमेटम दिया है कि अगर वह एमएसपी पर कानून बनाने के साथ 6 मांगें मान लेती हैं तो धरना प्रदर्शन समाप्त हो जाएगा, वरना इसी तरह दिल्ली के बार्डर पर किसान प्रदर्शनकारी डटे रहेंगे। वह यहां से तभी हटेंगे जब केंद्र सरकार उनकी सारी मांगें मान लेगी।
ये हैं किसान संगठनों की 6 मांगें
- केंद्र सरकार के प्रतिनिधि किसान संगठनों (संयुक्त किसान मोर्चा) से बात करे।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार सहमत हो।
- प्रदर्शनकारी हजारों किसानों और उनके नेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस हों।
- लखीपुरखीरी कांड के पीड़ितों को न्याय मिले और दोषियों पर कार्रवाई हो।
- बिजली बिल का मुद्दा
- वायु प्रदूषण को लेकर मुद्दा, जो किसानों के पराली जलाने से जुड़ा है।
ये नेता हुए बैठक में शामिल
- किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी
- बलविंदर सिंह
- अभिमन्यु कुहाड़ डालेवाल
- जगजीत सिंह डालेवाल
- युधवीर सिंह
- बलदेव सिंह सिरसा
- काका सिंह कोटड़ा
- जोगिंदर सिंह उगराहा
- डाक्टर दर्शनपाल
- बलबीर सिंह राजेवाल
- सतनाम सिंह बेहरु
मोर्चा की बैठक में 29 नवंबर को किसानों के ट्रैक्टर मार्च पर चर्चा हुई, जिसे स्थगित कर दिया गया। संयुक्त युक्त किसान मोर्चा ने 29 नवंबर को किसानों के संसद तक ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया था, जिसे टाल दिया गया है वहीं, इस ऐलान के बावजूद दिल्ली पुलिस सतर्कता बरत रही है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने साफ किया है कि हम कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी सूरत में कानून-व्यवस्था को खराब नहीं होने दिया जाएगा। किसानों के साथ एक समझौता है, हम उस पर काम करेंगे, लेकिन किसी भी सूरत में कानून-व्यवस्था को खराब नहीं होने दिया जाएगा। लोकतांत्रिक विरोध पर कोई आपत्ति नहीं कर रहा है।