Lockdown 2021 Extension: दिल्ली में 15 मई तक बढ़ा लॉकडाउन तो कारोबार और उद्योग को होगा बड़ा नुकसान
Lockdown 2021 Extension दिल्ली में लॉकडाउन के कारण डेढ़ लाख से अधिक वाहनों के पहिए थमे हुए हैं। इसमें 80 हजार से अधिक व्यावसायिक वाहनों के साथ टूर ट्रैवेल की गाड़ियां भी शामिल हैं। इससे कारोबार और उद्योग दोनों बहुत नकुसान में हैं।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। कोरोना की दूसरी लहर में लगे लॉकडाउन से दिल्ली का ट्रांसपोर्ट व टूर ट्रैवेल उद्योग सांसत में है। दिल्ली में लॉकडाउन के कारण डेढ़ लाख से अधिक वाहनों के पहिए थमे हुए हैं। इसमें 80 हजार से अधिक व्यावसायिक वाहनों के साथ टूर ट्रैवेल की गाड़ियां भी शामिल हैं। दिल्ली में लॉकडाउन के कारण पिछले 10 दिनों से ये वाहन सड़कों पर नहीं उतरे हैं। दिल्ली में कोरोना संक्रमण की जो भयावह स्थिति है। इसमें आसार कम ही हैं कि यह लॉकडाउन तीन मई के बाद खत्म हो।
फिलहाल 10 मई तक बढ़ा लॉकडाउन
वहीं, दिल्ली के कारोबारी संगठन दिल्ली में 15 मई तक लॉकडाउन की मांग कर रहे हैं, वहीं दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने आगामी 10 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है। वहीं, 19 अप्रैल से ही लॉकडाउन लगने के बाद वाहनों के पहिए थमे हैं तो ट्रांसपोर्टरों और टूर ट्रैवेल वाहनों के मालिकों के सामने बैंक का किस्त, बीमा, पार्किंग शुल्क व इंश्योरेंस भरने का सवाल मुंह बाएं खड़ा है। उसमें भी बैंक वाहनों की किस्तें भरने को लेकर जबरदस्त दबाव बनाए हुए हैं।
80 हजार व्यवसायिक वाहनों के पहिए थमे
इस संबंध में दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने कहा कि मुश्किल से 20 फीसद व्यवसायिक वाहन ही अनिवार्य सामानों की ढुलाई में लगे हुए हैं। लगभग 80 हजार व्यवसायिक वाहनों के पहिए थमे हुए हैं। यह ट्रांसपोर्टरों के लिए बहुत ही कठिन समय है। पिछली बार देशव्यापी लाकडाउन था। इसलिए वित्त मंत्रालय के आदेश पर ऋण की किस्तों में बैंकों ने राहत दी थी। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व आयकर में भी रहात थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोग किसी प्रकार ड्राइवर और कर्मचारी का वेतन का खर्च उठा रहे हैं, लेकिन यह ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाला है।
पार्किंग में खड़ी है गाड़ी और कारोबार ठप है
होटल महासंघ, दिल्ली के सदस्य व पहाड़गंज में टूर ट्रैवेल का कारोबार करने वाले विजय तिवारी कहते हैं कि गाड़ियों के रखरखाव के साथ उसका इंश्योरेंस और किस्तें हैं। चालक का वेतन है। जबकि वह पार्किंग में खड़ी है। कारोबार ठप है। ऊपर से बैंक वाले किस्तों को लेकर जबरदस्त मानसिक दबाव बनाए हुए हैं। यह स्थिति काफी तनाव देने वाली है, इसलिए सरकार को मोरेटोरियम पर विचार करना चाहिए। वह कहते हैं कि हम किस्तों को माफ करने की मांग नहीं कर रहे हैं। बस यह चाहते हैं कि जब तक कि हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं तब तक किस्तों को लेकर दबाव न बनाया जाएं। वहीं, चिंता यह भी है कि अगर किस्तें नहीं भरी गई तो बैंक उस ऋण को गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) घोषित कर देगा, इससे भविष्य में हमारे लिए कारोबार काफी कठिन हो जाएगा।
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गाड़ियां चलने से चलता है घर खर्च, बहुत परेशानी हो रही है
दिल्ली टैक्सी, टूरिस्ट, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने कहा कि यह असाधारण स्थिति है। हमारे व्यवसाय से जुड़े लोग बेहद कठिन आर्थिक दिक्कतों से गुजर रहे हैं। क्योंकि गाड़ियां चलती हैं तो उनका घर चलता है। किस्तें भरी जाती है। ऐसे में हमारी मांग है कि सरकार हमारी तरफ ध्यान दें।
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