केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा, जेएनयू का नहीं बदलेगा नाम, छात्रों ने किया स्वागत
दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के नाम में कोई बदल नहीं होने जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियल निशंक ने इसकी जानकारी राज्यसभा में सोमवार को दी। उन्होंने कहा कि केंद्र का नाम बदलने को लेकर कोई इरादा नहीं है।
नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। भाजपा के महासचिव सीटी रवि ने पिछले साल जेएनयू का नाम बदलकर इसे स्वामी विवेकानंद के नाम पर रखने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, निशंक ने लोकसभा में इसको लेकर सवाल पूछे जाने पर कहा कि दिल्ली स्थित इस विश्वविद्यालय का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। पिछले साल नवंबर में रवि ने ट्वीट किया था, वे स्वामी विवेकानंद थे, जो भारत के विचार के साथ खड़े थे। उनका दर्शन और उनके मूल्य भारत की शक्ति को प्रकट करते हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय कर देना सही होगा। भारत के देशभक्त संत का जीवन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
उधर, जेएनयू छात्रों ने भी केंद्रीय मंत्री के बयान का स्वागत किया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का नाम बदलने को लेकर समय समय पर उठने वाली मांग पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में स्पष्ट कहा है कि नाम बदलने को लेकर किसी तरह का प्रस्ताव नहीं है। एबीपीपी जेएनयू इकाई के अध्यक्ष शिवम चौरसिया ने कहा कि हम शिक्षा मंत्री के वक्तव्य का स्वागत करते है। यद्यपि विद्यार्थी परिषद पहले ही इस बात को स्पष्ट कर चुका है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के नाम में बदलाव की आवश्यकता नहीं है। हालांकि समय समय पर जेएनयू के नाम बदलने की मांग उठती रही है।
गत वर्ष भारतीय जनता पार्टी के जनरल सेक्रेटरी सी टी रवि ने गतवर्ष नवंबर में नाम बदलने की मांग की थी। उन्होंने जेएनयू का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद के नाम पर रखे जाने की बात कही थी। ट्वीट कर कहा था कि ‘वो स्वामी विवेकानंद थे जो भारत की विचारधारा के लिए खड़े हुए। उनके दर्शन और मूल्य भारत की ताकत दर्शाते हैं। इसलिए जवाहरलाल नेहरू विवि का नाम स्वामी विवेकानंद के नाम पर रखना ही सही होगा। भारत के इस देशप्रेमी महात्मा के जीवन से आने वाली पीढ़ी प्रेरित होगी।
जेएनयू शिक्षक संघ की सचिव प्रो मौसमी बसु कहती हैं कि नाम बदलने की मांग बार बार उठाई जाती है। उम्मीद है अब नहीं उठेगी। बेहतर होगा कि नाम बदलने के बजाए देशभर में स्वामी विवेकानंद के नाम पर नए विश्वविद्यालय बनाए जाएं।