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मऊ से बहुत गहरा है मुख्तार अंसारी का नाता, जानिए कितनी गहरी है यहां अंसारी परिवार की जड़ें

यूपी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पहुंच राजनीतिक और आपराधिक दोनों क्षेत्रों में है। मुख्तार के परिवार की दो पीढ़ियां राजनीति में सक्रिय रहीं। इसके अलावा देश की आजादी में भी उनके परिवार का योगदान रहा है। अंसारी के परिवार का मऊ में एक अलग तरह का दबदबा है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 06:16 PM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 01:29 PM (IST)
मऊ से बहुत गहरा है मुख्तार अंसारी का नाता, जानिए कितनी गहरी है यहां अंसारी परिवार की जड़ें
अंसारी के परिवार का मऊ में एक अलग तरह का दबदबा है।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। यूपी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पहुंच राजनीतिक और आपराधिक दोनों क्षेत्रों में है। मुख्तार के परिवार की दो पीढ़ियां राजनीति में सक्रिय रहीं। इसके अलावा देश की आजादी में भी उनके परिवार का योगदान रहा है। अंसारी के परिवार का मऊ में एक अलग तरह का दबदबा है।

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शायद यही कारण है कि जेल में रहने के बावजूद मुख्तार बीते 15 सालों से मऊ के विधायक बने हुए हैं। जेल में रहने के बावजूद वो हर चुनाव जीत जाते हैं, उनके भाई अफजल अंसारी भी मौजूदा समय में गाजीपुर विधानसभा से सांसद हैं। मुख्तार के नाना का भी नामचीन हस्तियों में नाम शुमार था।

यूपी में बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) आज क्राइम की दुनिया का ऐसा पर्याय बन चुका है, जिसका नाम उनके आपराधिक इतिहास को बताने के लिए ही काफी है। मुख्तार के परिवार का इतिहास राजनीति के क्षेत्र में एक अलग पहचान वाला रहा है मगर मुख्तार ने अपनी छवि इससे एकदम उलट बनाई। पूर्वांचल के डॉन मुख्तार अंसारी पर 40 से अधिक मुकदमे दर्ज है।

दादा मुख्तार थे इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष

मुख्तार अंसारी के दादा इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनका नाम भी मुख्तार ही था। उन्होंने देश की आजादी में अहम रोल अदा किया था। इसके लिए उन्हें महावीर चक्र से नवाजा गया था। दादा की तरह मुख्तार के चाचा हामिद अंसारी ने भी देश के लिए अपनी सेवाएं दी थीं। मुख्तार के चाचा हामिद अंसारी देश के उप राष्ट्रपति थे। उनके नाना का भी नामचीन हस्तियों में नाम शुमार था।

आजादी के आंदोलन के नायक थे दादा और गांधी के करीबी भी

मुख्तार अंसारी के दादा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान 1926-27 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। उनका नाम महात्मा गांधी के करीबियों में शुमार था। इसी वजह से मुख्तार अंसारी के परिवार की मऊ में काफी इज्जत है। ये इज्जत लंबे समय से राजनीति में सक्रिय रहने और लोगों की सेवा करने की वजह से बनी हुई है। पूर्वांचल में ऐसी छवि किसी राजनीतिक परिवार की फिलहाल नहीं है।

पिता थे कम्युनिस्ट पार्टी के नेता, चाचा उपराष्ट्रपति

मुख्तार अंसारी के पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे। अपनी साफ सुथरी छवि की वजह से 1971 में उन्हें नगर पालिका चुनाव में निर्विरोध चुना गया था। अंसारी परिवार की इसी विरासत को आगे बढ़ाया था मुख्तार के चाचा हामिद अंसारी ने। वह भारत के उपराष्ट्रपति थे। उपराष्ट्रपति होने से पहले वह विदेश सेवा में थे। इसके अलावा देश के जाने माने पत्रकार जावेद अंसारी भी रिश्ते में उनके भाई लगते हैं।

नामचीन हस्तियों में शुमार था नाना का नाम

मुख्तार के अन्य परिवार के सदस्यों की तरह नाना का भी नाम नामचीन हस्तियों में शुमार था। ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को अपनी सेवाओं के लिए महावीर चक्र दिया गया था, वह मुख्तार के नाना थे। 1947 में इन्होंने न सिर्फ भारत की तरफ से नौशेरा की लड़ाई लड़ी थी बल्कि हिंदुस्तान को जीत भी दिलाई थी। हालांकि, इस जंग में वह खुद शहीद हो गए थे।

बेटा है शूटर, जीते हैं कई पदक

मुख्तार अंसारी के दो बेटे अब्बास व उमर हैं। मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी शूटर है, वो शॉटगन शूटिंग का इंटरनेशनल खिलाड़ी रह चुका हैं। टॉप शूटरों में शुमार अब्बास ने दुनियाभर में कई पदक जीते हैं।


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