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सुप्रीम कोर्ट की नई बिल्डिंग के गेट पर अधेड़ ने लगाई खुद को आग, आत्महत्या की कोशिश

सुप्रीम कोर्ट के नए भवन के बाहर शुक्रवार दोपहर एक अधेड़ ने खुद पर केरोसीन डाल कर खुदकुशी का प्रयास किया। इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने आग पर काबू पा उसे अस्पताल में भर्ती कराया है। इस हादसे में अधेड़ 20 प्रतिशत तक जल गया है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 03:50 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 03:50 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट की नई बिल्डिंग के गेट पर अधेड़ ने लगाई खुद को आग, आत्महत्या की कोशिश
खुद को आग लगाते समय उन्होंने कहा था कि उनका परिवार भूखा मर रहा है।

नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। सुप्रीम कोर्ट के नए भवन के बाहर शुक्रवार दोपहर एक अधेड़ ने खुद पर केरोसीन डाल कर खुदकुशी का प्रयास किया। इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने आग पर काबू पा उसे अस्पताल में भर्ती कराया है। इस हादसे में अधेड़ 20 प्रतिशत तक जल गया है। अभी उनका उपचार किया किया जा रहा है। बताया कि जा रहा है कि जिस फैक्ट्री में वह काम करते थे वहां से उन्हें कई महीनों का वेतन नहीं मिला था। इससे वह काफी परेशान चल रहे थे।

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खुद को आग लगाते समय उन्होंने कहा था कि उनका परिवार भूखा मर रहा है। घायल यूपी के नोएडा सेक्टर 63 स्थित छिजारसी गांव निवासी 50 वर्षीय राजा बाबू गुप्ता घर के पास ही स्थित एक पंखा बनाने वाली फैक्ट्री में काम करते थे। वह मूलरूप से यूपी के बलिया जिले के राजेंद्र नगर चौक के गली नंबर एक के रहने वाले हैं। कुछ दिन पहले उन्हें बिना बकाया वेतन दिए नौकरी से निकाल दिया गया था। पुलिस को उनके पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, दोपहर दो बजे के करीब राजा मथुरा रोड पर प्रगति मैदान के पास बनी सुप्रीम कोर्ट के नए भवन के बाहर पहुंचे। वह गेट नंबर एक के बाहर बने पार्किंग क्षेत्र में दाखिल हुए और अपने ऊपर केरोसीन डालकर आग लगा ली। इसके बाद गेट नंबर एक की तरफ दौड़ने लगे। गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने सुरक्षा कक्ष में रखे कंबल से आग बुझाई। इस दौरान वहीं पर एक पीसीआर वैन भी तैनात थी। उसी से घायल को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस अधिकारियों की माने तो उसकी हालत खतरे से बाहर है।

वेतन देने के बजाए नौकरी से ही निकाल दिया:राजा का आरोप है कि तीन महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया गया है। जब उन्होंने वेतन के लिए दबाव बनाया, तो उन्हें बकाया वेतन दिए नौकरी से ही निकाल दिया गया। अपने साथ हुए अन्याय को लेकर वह कई जगहों पर मदद की गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनकी सुनवाई कही नहीं हुई। ऐसे में निराश होकर वह आत्मदाह करने जैसा घातक कदम उठाने का फैसला किया।

छह माह में दूसरी बार आत्मदाह की कोशिश: सुप्रीम कोर्ट के बार गत छह माह में दूसरी बार आत्महत्या की कोशिश की गई है। इससे पहले गत वर्ष अगस्त माह में एक 24 वर्षीय महिला और उसके पुरुष दोस्त ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर खुद को आग लगा ली थी। गंभीर हालत में उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया था, जहां घटना के एक सप्ताह के भीतर उनकी मौत हो गई। महिला ने आरोप लगाया था कि 2019 में उसका यौन शोषण किया गया था।


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