दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 : रोटेशन ने बिगाड़ दिया कांग्रेस के दलबदलुओं का भी सियासी गणित
Delhi Municipal Corporation Election 2022 कांग्रेस के हाथ का साथ छोड़कर आप या भाजपा में गए अधिकतर कांग्रेसियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। किसी की सीट आरक्षित हो गई तो किसी की महिला कोटे में चली गई। ऐसे में अभी तो सभी जोड़तोड़ में लगे हैं।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। राज्य निर्वाचन आयोग ने दिल्ली नगर निगम 2022 के मद्देनजर 272 वार्डों का आरक्षण नए सिरे से घोषित किया तो कांग्रेस के दलबदलुओं का सियासी गणित भी बिगड़ गया। हाथ का साथ छोड़कर आप या भाजपा में गए अधिकतर कांग्रेसियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। किसी की सीट आरक्षित हो गई तो किसी की महिला कोटे में चली गई। ऐसे में अभी तो सभी जोड़तोड़ में लगे हैं।
बता दें कि मंगलवार देर शाम राज्य निर्वाचन आयोग ने रोटेशन की स्थिति स्पष्ट की तो अप्रैल में संभावित नगर निगम चुनाव के लिए दावेदारी ठोक रहे ज्यादातर नेताओं की पेशानी पर बल पड़ गए। हाथ का साथ छोड़कर झाड़ू या कमल थामने वाले उन कांग्रेसियों के सामने उलझन खड़ी हो गई जो दूसरी पार्टी से टिकट मिलने की आस में चले गए थे। ये नेता दूसरी पार्टी में गए तो यही सोचकर थे कि उन्हें वहां से टिकट भी मिल जाएगा और वे जीत भी जाएंगे, लेकिन वार्डों का रोटेशन इस तरह हुआ है कि लगभग सभी के चेहरे उतर गए हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम नार्थ एमसीडी में कांग्रेस दल के नेता रहे मुकेश गोयल का नाम सबसे बड़ा है। मुकेश धीरपुर वार्ड से जीते हुए थे। सराय पीपलथला सीट भी उनके लिए अनुकूल रही है। लेकिन इस रोटेशन में उनका समीकरण भी बिगड़ गया। दोनों ही सीटें महिला आरक्षित हो गई हैं।
वहीं, ऐसे ही हेमलता सांगवान की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई, आले मोहम्मद खान की सीट अनुसूचित हो गई, विकास टांक की सीट सामान्य हो गई, सुरेंद्र सेतिया की सीट महिला हो गई, उषा शर्मा की सीट सामान्य हो गई, पूनम बागड़ी, अंजू सहवाग, अजीत यादव, राजेश शर्मा इत्यादि अनेक ऐसे नाम हैं जिनकी सीट रोटेशन में बदल गई है। दिलचस्प यह कि सर्वाधिक मार उन नेताओं पर पड़ी है, जिनकी सीट पहले महिला या सामान्य थी और अब अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग की हो गई। ऐसे में पति-पत्नी दोनों में से कोई चुनाव लड़ नहीं पाएगा।
कुछ ने निराशा में खटखटाया कांग्रेस का दरवाजा
रोटेशन के बाद कुछ दलबदलू नेताओं ने फिर से कांग्रेस का दरवाजा खटखटाया है। इनकी कोशिश है कि अगर नई पार्टी में उनकी दाल नहीं गल पाई तो कम से कम पुरानी पार्टी में तो बात बन ही जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष बोले, कुछ नेता हैं हमारे संपर्क में
अनिल चौधरी (अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस) का कहना है कि कांग्रेस में उम्र बिताकर दूसरी पार्टी में जाने वालों को रोटेशन के जरिये उनकी करनी का फल मिला है। अब कुछ नेता वापस हमारे संपर्क में हैं, लेकिन हमने उन्हें सलाह दी है कि पहले वे वहीं संभावनाएं तलाश लें। बाद में हमारे पास आएं।