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Ashu Baba पर दुष्कर्म का केस दर्ज कराने वाली लड़की ने CPWD के दो अधिकारियों पर भी लगाए आरोप

आशु बाबा उर्फ गुरुजी उर्फ आसिफ खान उनके बेटे समर खान मैनेजर रवि शंकर व बिल्डर सौरभ कुमार के खिलाफ 8 सितंबर 2019 को हौज खास थाने में सामूहिक दुष्कर्म छेड़छाड़ और पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। रवि शंकर आशु बाबा का मैनेजर था।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 03:49 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2021 03:49 PM (IST)
Ashu Baba पर दुष्कर्म का केस दर्ज कराने वाली लड़की ने CPWD के दो अधिकारियों पर भी लगाए आरोप
आशु बाबा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर दुष्कर्म किया था।

सुशील गंभीर, नई दिल्ली। जिस लड़की ने आशु बाबा और उनके बेटे के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था, उसी लड़की ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के दो बड़े अधिकारियों पर भी सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज कराया है। लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। क्योंकि लड़की के बयानों में झोल है।

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आशु बाबा की तरफ से अधिवक्ता विशाल चोपड़ा व अधिवक्ता मुकेश कादियान ने हाई कोर्ट में याचिका दायर इस पूरे प्रकरण की सीबीआइ या अन्य किसी समकक्ष एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। याचिका में लड़की को बड़े लोगों के खिलाफ झूठे केस दर्ज कराकर करोड़ों रुपये एंठने का आदि बताया गया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि एक गैंग बनाकर पैसे एंठने का संगठित अपराध किया जा रहा है। आशु बाबा के खिलाफ जांच कर रही दिल्ली क्राइम पर इस मामले में 13 करोड़ रुपये रिश्वत मांगने का आरोप भी लग चुका है। 

आशु बाबा उर्फ गुरुजी उर्फ आसिफ खान, उनके बेटे समर खान, मैनेजर रवि शंकर व बिल्डर सौरभ कुमार के खिलाफ 8 सितंबर 2019 को हौज खास थाने में सामूहिक दुष्कर्म, छेड़छाड़ और पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। पुलिस के आरोप पत्र के मुताबिक रवि शंकर आशु बाबा का मैनेजर था। जिस महिला ने दुष्कर्म का केस दर्ज कराया है, उसका आरोप कि रवि शंकर ने उसे नशीला पानी दिया था और उसके बाद आशु बाबा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर दुष्कर्म किया था।

आशु बाबा को जहां पुलिस ने 13 सितंबर को गिरफ्तार किया था, वहीं रवि शंकर को दो नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। मामले की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने की थी। आशु बाबा सहित सभी आरोपित फिलहाल इस मामले में अंतरिम जमानत पर हैं। रवि शंकर ने पिछले साल जमानत अर्जी में कथित बिचौलिए राम नरेश शर्मा पर तत्कालीन क्राइम ब्रांच डीसीपी राम गोपाल नाइक के नाम पर 13 करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया था। 

अब बुधवार को अधिवक्ता विशाल चोपड़ा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि जिस नंबर से राम नरेश शर्मा नाम का व्यक्ति आशु बाबा के सहयोगी शिव कुमार से पैसा मांग रहा था, उसी नंबर को सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज केस में लड़की ने अपना बताया है। लड़की ने यह केस मंडावली थाने में जून 2019 में दर्ज कराया, लेकिन पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया। याचिका में आशु बाबा के मामले में पैसे मांगने संबंधी फोन रिकार्डिंग और वाट्सएप चैट को भी सलंग्न किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि जिस तरह से लड़की एक के बाद एक दुष्कर्म का केस दर्ज करा रही है, उससे साफ है कि याचिकाकर्ता से पैसे एंठने के लिए केस दर्ज कराया गया था। इस पूरे प्रकरण की पुलिस के उच्च अधिकारियों से भी शिकायत की गई थी, लेकिन कोई जांच नहीं की गई। याचिका में कहा गया है इस तरह से प्रभावशाली लोगों के खिलाफ केस दर्ज करा करोड़ों रुपये मांगने का चलन चल रहा है।

याचिका में इस पूरे प्रकरण की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की गई है, ताकि इस तरह के मामलों पर लगाम लगाई जा सके। साथ ही पता चल सके कि इस तरह के और कितने केस दर्ज कराए गए हैं।  

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