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झुग्गियों में रह रहा था फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाला गैंग, कमरे में था जरूरत का ही सामान

पड़ोसियों को कॉल सेंटर चलाने की बात पर भरोसा ही नहीं हुआ। पड़ोसियों का कहना था कि देखने से किसी भी तरह से वे कॉल सेंटर संचालित करने वाले नहीं लगते हैं।

By Edited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 08:37 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 06:06 PM (IST)
झुग्गियों में रह रहा था फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाला गैंग, कमरे में था जरूरत का ही सामान
झुग्गियों में रह रहा था फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाला गैंग, कमरे में था जरूरत का ही सामान

नोएडा, जेएनएन। सेक्टर-6 में फर्जी कॉल सेंटर संचालित करने वाले गैंग के फरार पांचों आरोपी झुग्गियों में रह रहे थे। कॉल सेंटर मालिक चंदन झा है, जो सेक्टर-8 स्थित जेजे कॉलोनी की झुग्गियों में रह रहा था। जबकि कॉल सेंटर मैनेजर अंकुर और चिंटू उर्फ शेखर हरौला में रह रहे थे। इनके काम में मदद करने वाले दीपक और सलाउद्दीन भी जेजे कॉलोनी की झुग्गियों में ही रह रहे थे।

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कमरे में जरूरत का ही सामान
छापेमारी के दौरान मिले पते पर पहुंची पुलिस को सभी आरोपी फरार मिले। चंदन झा की पुलिस झुग्गी भी नहीं खोज पाई। जबकि अंकुर और चिंटू के कमरे तक पहुंची पुलिस को पता चला है कि आरोपी बेहद समान्य जीवन जी रहे थे। कमरे में जरूरत का ही सामान थे।

पड़ोसियों को नहीं हुआ भरोसा 
पड़ोसियों को कॉल सेंटर चलाने की बात पर भरोसा ही नहीं हुआ। पड़ोसियों का कहना था कि देखने से किसी भी तरह से वे कॉल सेंटर संचालित करने वाले नहीं लगते हैं। साइबर क्राइम सेल प्रभारी इंस्पेक्टर मोहम्मद जहीर खान ने बताया कि कॉल सेंटर संचालक चंदन 15 दिनों से कार्यालय नहीं आया है। चंदन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है, जबकि अंकुर और चिंटू के जल्द गिरफ्तार होने की उम्मीद है।

बिहार के रहने वाले हैं आरोपी 
साइबर सेल का कहना है कि चंदन झा समेत सभी फरार आरोपी मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। सभी यहां कॉल सेंटर में पहले नौकर कर चुके हैं। नौकरी छोड़ कर आरोपियों ने पांच माह पहले 50 हजार रुपये किराये पर बी-31 बिल्डिंग में तीसरी मंजिल के ऑफिस को किराये पर लिया था। गिरफ्तार किये गये सभी 18 आरोपियों से कॉल कराते थे और उन्हें 8 से 10 हजार रुपये महीने सैलरी दी जाती थी। चंदन कभी कभार कॉल सेंटर आता था, जबकि अंकुर ही पूरे काम को देखता है। इसमें चिंटू, दीपक और सलाउद्दीन मदद करते थे।

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दिया जाता था नौकरी का झांसा 
आरोपी क्विकर डॉट कॉम से नौकरी की तलाश कर रहे बेरोजगार युवकों के नंबर चोरी करके कॉल करते थे। इन्हें बैंकों, इंश्योरेंस कंपनियों सहित अन्य कंपनियों में नौकरी का झांसा दिया जाता था। इनका हर महीने करीब 5 लाख रुपये ऑफिस का खर्च था और 15 से 20 लाख रुपये तक ठगी करके कमा रहे थे।


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