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इंजीनियरिंग का छात्र अपने दो भाइयों के साथ मिलकर कर रहा था फंगस की दवा की कालाबाजारी, पढ़िए पूरी कहानी

सरिता विहार थाना पुलिस ने ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की कालाबाजारी करते तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान रफी मोहम्मद दिलशाद और मोहम्मद अदनान के रूप में हुई है। रफी इंजीनियरिंग का छात्र है

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 12:53 PM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 12:53 PM (IST)
इंजीनियरिंग का छात्र अपने दो भाइयों के साथ मिलकर कर रहा था फंगस की दवा की कालाबाजारी, पढ़िए पूरी कहानी
एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के बदले 64 हजार व लिपोसोमल के लिए 14 हजार रुपये की मांग की थी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सरिता विहार थाना पुलिस ने ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की कालाबाजारी करते तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान रफी, मोहम्मद दिलशाद और मोहम्मद अदनान के रूप में हुई है। रफी इंजीनियरिंग का छात्र है, जबकि बाकी दोनों आरोपित उसके भाई हैं। पुलिस उपायुक्त आरपी मीणा ने बताया कि 22 मई को जसोला विहार के स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स इलाके में एक स्टिंग वीडियो बनाया गया था। जिसमें दो लोग दिखाए दे रहे थे। इसमें एक का नाम रफी था। वीडियो में वह एक एनजीओ से जुड़े होने की बात कह रहा है। उसने ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले एक एंफोटेरिसिन- बी इंजेक्शन के बदले 64 हजार व लिपोसोमल की एक सीसी के लिए 14 हजार रुपये की मांग की थी।

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रफी ने दावा किया था कि कई डिस्ट्रीब्यूटर इन दोनों दवाइयों की कालाबाजारी कर रहे हैं। इन लोगों ने स्टिंग करने वाले व्यक्ति को ठगने की कोशिश की थी। वीडियो में रफी और उसके साथ मौजूद दूसरा शख्स लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए भी नजर आए। यह लोग दिल्ली की सड़कों पर बिना ई पास के वाहन में घूम रहे थे। स्टिंग का यह वीडियो एक निजी चैनल पर प्रसारित किया गया था। इसके बाद सरिता विहार थाना पुलिस ने मामले में स्वत: संज्ञान लेकर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। एक मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने पहले शाहीन बाग निवासी रफी को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर शाहीन बाग से ही मोहम्मद दिलशाद व डिलाइट सिनेमा के पास से मोहम्मद अदनान को गिरफ्तार किया गया।

इनसे एक मोबाइल फोन भी बरामद हुआ है। रफी देहरादून से इंजीनियरिंग कर रहा है और फिलहाल नोएडा की प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है। वह शाहीन बाग स्थित एक एनजीओ से जुड़ा है। यह एनजीओ कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर रीफिल करने का काम कर रहा था। एनजीओ से जुड़ा होने के कारण उसके पास ब्लैक फंगस की दवा को लेकर भी काल आने लगे थे। जिसके बाद तीनों ने लोगों से ठगी की साजिश रची थी। दिलशाद मेडिसिन एजेंसी में काम करता है।


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