हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा जब वैक्सीन की कमी थी तो इतने धूमधाम से सेंटर क्यों खोल दिए?
पटरी से उतरे टीकाकरण पर दिल्ली हाई कोर्ट ने गंभीर सवाल उठाते हुए दिल्ली सरकार से पूछा कि लोगों को तय समय में दोनों खुराक उपलब्ध कराई जा सकती है या नहीं? अगर नहीं कराई जा सकती हैं तो फिर बड़े धूमधाम से इतने टीकाकरण केंद्र क्यों खोल दिए गए?
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में पटरी से उतरे टीकाकरण अभियान पर दिल्ली हाई कोर्ट ने गंभीर सवाल उठाते हुए दिल्ली सरकार से पूछा कि लोगों को तय समय में दोनों खुराक उपलब्ध कराई जा सकती है या नहीं? अगर नहीं कराई जा सकती हैं, तो फिर बड़े धूमधाम से इतने टीकाकरण केंद्र क्यों खोल दिए गए? इस संबंध में न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।
कोवैक्सीन की दूसरी खुराक नहीं मिलने पर अधिवक्ता आशीष विरमानी की तरफ से दायर याचिका पर पीठ ने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि आपने टीकाकरण क्यों शुरू किया, जब आपको पता था कि आप दूसरी खुराक नहीं दे सकते हैं, आपको इंतजार करना चाहिए था। पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने टीकाकरण करने पर रोक लगा दी थी जब उन्हें पता चला कि दूसरी खुराक नहीं दे सकते हैं। पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार ने हर जगह इतने धूमधाम और वैभव के साथ इतने सारे टीकाकरण केंद्र खोले और अब कहा जा रहा है पता नहीं दूसरी खुराक का कब उपलब्ध होगी।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता अनुज अग्रवाल ने पीठ को बताया कि टीका हासिल करने के संबंध में राज्य सरकार और निर्माताओं के बीच बातचीत चल रही है। अग्रवाल ने कहा कि कोवैक्सिन का स्टाक कब तक उपलब्ध होगा और ये कब तक लोगों के लिए उपलब्ध हो सकेगा इस पर सरकार से निर्देश लेकर अदालत को अवगत कराएंगे, साथ ही यह भी बताएंगे कि पहली खुराक लेने वाले व्यक्ति को छह सप्ताह की समयावधि के अंदर दूसरी खुराक मिल सकेगी या नहीं।
दूसरी खुराक लेने के लिए जाना पड़ा मेरठ
आशीष विरमानी ने अदालत को बताया कि तीन मई को उन्हें कोवैक्सीन की पहली खुराक थी और और 29 मई तक वे दूसरी खुराक के लिए स्लाट नहीं बुक सके, जबकि छह सप्ताह के अंदर ही उन्हें दूसरी खुराक लेनी थी। आखिर में दूसरी खुराक के लिए उन्हें मेरठ जाना पड़ा।
केंद्र से पूछा कब मिलेगा दिल्ली को टीका
पीठ ने इसके साथ ही दिल्ली में कोविशील्ड और कोवैक्सीन की उपलब्धता के संबंध में दायर दो अन्य याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इन याचिकाओं पर अगली सुनवाई चार जून को होगी।