गणतंत्र दिवस परेड में झांकियों के चयन को लेकर उठे सियासी विवाद पर रक्षा मंत्रालय ने दिया बयान, पढ़िए क्या कहा?
परेड में शामिल सभी झांकियों का चयन पूर्णतया मैरिट के आधार पर किया गया है। दिल्ली कैंट स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर मेंझांकियों के प्रेस प्रिव्यू के दौरान निदेशालय के जनसंपर्क अधिकारी नाम्पीबाउ मरीनमई ने बताया कि झांकियों के चयन के लिए एक नौ सदस्यीय समिति गठित की गई थी।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। गणतंत्र दिवस परेड में शामिल राज्यों की झांकियों के चयन को लेकर उठे सियासी विवाद में रक्षा मंत्रालय का आधिकारिक पक्ष भी सामने आ गया है। मंत्रालय के जनसंपर्क निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित अन्य सभी राज्यों की आपत्तियों को भी बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि परेड में शामिल सभी झांकियों का चयन पूर्णतया मैरिट के आधार पर किया गया है। दिल्ली कैंट स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में शनिवार को झांकियों के प्रेस प्रिव्यू के दौरान निदेशालय के जनसंपर्क अधिकारी नाम्पीबाउ मरीनमई ने बताया कि झांकियों के चयन के लिए एक नौ सदस्यीय समिति गठित की गई थी।
इसमें कला संस्कृति, संगीत, नृत्य, इतिहास इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। समिति ने कई चरणों में झांकियों के माडल और उनका प्रस्तुतिकरण देखने के बाद ही उनके चयन को लेकर अंतिम निर्णय लिया है। झांकियों के जो प्रस्ताव खारिज किए गए हैं, वह नवीनता एवं प्रस्तुतिकरण के लिहाज से प्रभावशील नहीं थे। मरीनमई ने बताया कि इस बार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से झांकियों के कुल 29 प्रस्ताव आए थे।
इनमें से बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु सहित 17 राज्यों के प्रस्ताव खारिज हो गए, जबकि 12 प्रस्ताव पर समिति की सहमति बनी। उन्होंने कहा कि झांकियों के चयन में न कभी राजनीतिक हस्तक्षेप होता है और न ही कभी विशेषज्ञ समिति को इस आशय के कोई दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं। इसलिए झांकियों की चयन प्रक्रिया को सियासी विवाद में घसीटना या एक राष्ट्रीय पर्व के आयोजन में सियासी हस्तक्षेप का आरोप लगाना किसी भी लिहाज से तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता।