स्वच्छ सर्वेक्षण में लोगों की भागीदारी के लिए इन खास जगहों पर निगम अपनाएगा ये तकनीक, आप भी दे पाएंगे अपनी राय
स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में धरायाशी हो चुके पूर्वी निगम ने इसे सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके तहत विज्ञानी तरीके से कूड़ा निस्तारण पर जोर दिया जा रहा है। इस कड़ी में अब शौचालयों और डलावघरों को साफ करने रखने की कवायद शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में पिछले वर्ष धरायाशी हो चुके पूर्वी निगम ने इसे सुधारने के लिए इस वर्ष कई कदम उठाए हैं। इसके तहत विज्ञानी तरीके से कूड़ा निस्तारण पर जोर दिया जा रहा है। इस कड़ी में अब शौचालयों और डलावघरों को साफ करने रखने की कवायद शुरू हो गई है।
इसका नियंत्रण अब आम लोगों के हाथ में दिया जा रहा है। पूर्वी निगम सभी डलावघरों और सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों में क्यूआर कोड लगाने जा रहे हैं। ताकि कोई भी व्यक्ति मोबाइल से क्यूआर कोड को स्कैन करके अपनी प्रतिक्रिया दे सके। इस प्रतिक्रिया के आधार पर डलावघरों और शौचालयों की व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।
क्यूआर कोड लगाने
दरअसल अभी तक लोगों को शिकायत दर्ज कराने में काफी परेशानी आती थी। कभी-कभार ही कोई शिकायत उपयुक्त जगह पर पहुंच पाती थी और उस पर कार्रवाई होती थी। लेकिन क्यूआर कोड के जरिये लोगों की शिकायत सीधे संबंधित कार्यालय में पहुंचेगी। महापौर निर्मल जैन ने बताया कि क्षेत्र के नागरिकों की सहभागिता और उनकी प्रतिक्रिया के बिना सफाई व्यवस्था को बनाए रखना बहुत कठिन है।
क्यूआर कोड पर आधारित व्यवस्था क्षेत्र के नागरिकों को निगम की व्यवस्था के साथ जोड़ने का एक कारगर उपाय है। क्यूआर कोड पूर्वी निगम के सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों एवं डलावघरों पर लगाया जाएगा। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे जब भी शौचालयों का प्रयोग करें तो वहां बिजली, पानी की आपूर्ति, साबुन की उपलब्धता, साफ-सफाई संबंधित प्रतिक्रिया क्यूआर कोड के माध्यम से दर्ज कराएं।
इस पर संबंधित विभाग की तरफ से तुरंत आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा क्षेत्र के डलावघरों से नियमित रूप से कूड़े न उठाने पर भी अपनी प्रतिक्रिया वहां लगे क्यूआर कोड के जरिये निगम को दे सकते हैं। निगमायुक्त विकास आनंद ने बताया कि पूर्वी निगम शौचालयों और डलावघरों के रखरखाव के लिए विशेष प्रयास कर रहा है। रख-रखाव और सफाई व्यवस्था संबंधी व्यवस्था के बेहतर संचालन के लिए नागरिकों का सहयोग जरूरी है।
कुल डलावघर : 307
कुल सार्वजनिक शौचालय : 290
कुल सामुदायिक शौचालय : 63
इसी को ध्यान में रखते हुए यह प्रयास शुरू किया गया है। इसके माध्यम से स्थानीय लोग अपने मोबाइल पर क्यू. आर कोड स्कैन करके आसानी से अपना फीडबैक दर्ज करवा सकेंगे। निगमायुक्त ने बताया कि मोबाइल पर क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद पांच विकल्प आएंगे, जिसमें बिजली, पानी, साबुन की उपलब्धता, शौचालय परिसर एवं टायलेट सीट की साफ सफाई संबंधित शिकायत दर्ज करा सकते है।
इसके अतिरिक्त कोड स्कैन करने पर यह भी पता चल जाएगा कि शौचालय किस वार्ड के अंतर्गत आता है। अभी निगम के कुछ कार्यालयें में प्रयोग के तौर पर इसे लगाया गया है।