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कोरोना महामारी में आक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 9 बदमाश चढ़े पुलिस के हत्थे

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जरूरतमंदों को आक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के नौ बदमाशों को साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। गिरोह के एक फरार बदमाश को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 08:40 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 08:47 AM (IST)
कोरोना महामारी में आक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 9 बदमाश चढ़े पुलिस के हत्थे
नौ मोबाइल, लैपटाप, 11 सिमकार्ड, सात एटीएम और क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जरूरतमंदों को आक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के नौ बदमाशों को साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। गिरोह के एक फरार बदमाश को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। इनसे नौ मोबाइल, लैपटाप, 11 सिमकार्ड, सात एटीएम और क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए हैं। डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक विनोद कुमार ने कोविड हेल्प लाइन पर फोन कर बताया था कि उनकी पत्नी कोरोना से पीडि़त थीं और उन्हें आक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता थी। उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी।

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इसपर उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर दर्ज मोबाइल पर संपर्क कर आक्जीजन सिलेंडर खरीदने की बात कही थी। ठग ने उनसे एसबीआई के खाते में 25,000 रुपये जमा करने का निर्देश दिया था, जिसके उपरांत सिलेंडर की जल्द डिलीवरी का आश्वासन दिया था। शिकायतकर्ता ने ठग के निर्देशानुसार रकम बताए गए खाते में जमा करवा दी थी, लेकिन उन्हें न तो आक्सीजन सिलेंडर मिला और न ही रकम वापस की गई। ठग ने बाद में शिकायतकर्ता के काल का जवाब देना भी बंद कर दिया था। आक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलने से उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। मोबाइल नंबरों की तकनीकी जांच और बैंक खातों के विश्लेषण के बाद तीन आरोपियों की पहचान कर उन्हें बिहार के विभिन्न जिलों से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि गिरोह संगठित तरीके से काम कर रहा था और उसके अलग-अलग माड्यूल थे।

उनसे पूछताछ के बाद बंगाल और बिहार के रहने वाले छह अन्य बदमाशों को भी गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार बदमाशों के नाम सरिता देवी, भागलपुर, (खाता धारक), पिंकी देवी, कहलगांव, भागलपुर (खाता धारक), अमित रोशन, बेगूसराय, (खाता प्रदाता), नीतीश कुमार, वारिसलीगंज, नवादा (खाता संचालक), शानू नंदी, कोलकाता (खाता धारक), सौमेन मंडल, कोलकाता (खाता धारक), उत्पल घोषाल, कोलकाता (खाता प्रदाता), पवन, नालंदा, (मास्टरमाइंड) और कमल कांत सिन्हा, नई सराय, नालंदा, (मास्टरमाइंड और मनी मैनेजर) सचिन कुमार, शेखपुरा, बिहार (एटीएम से नकद निकासी करने वाला) है। इनमें मास्टरमाइंड स्नातकोत्तर है और कोचिंग कक्षाएं भी संचालित कर रहा था। पवन कुमार पीएचडी कर रहा है, जबकि कमलकांत एमसीए पासआउट है।


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