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दिल्ली दंगे के आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने किया था इस तकनीक का इस्तेमाल

एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में कैद हुए दंगाईयों की फोटो का मिलान ड्राइविंग लाइसेंस से किया। उसके जरिये पुलिस ने 94 दंगाईयों को दबोचा। जबकि 231 दंगाईयों को सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 09:52 AM (IST)
दिल्ली दंगे के आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने किया था इस तकनीक का इस्तेमाल
दिल्ली में दंगे की फाइल फोटोः ANI

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नागरिता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुआ दिल्ली दंगा जो देश के इतिहास के काले पन्नों में दर्ज हो चुका है। जिस तरह दंगाईयों ने दहशत फैलाई थी, उससे हर कोई वाकिफ है। 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे की तुलना में दिल्ली दंगे में दर्ज मामलों की संख्या सबसे अधिक है। पुलिस ने भी चुन चुनकर दंगाइयों को ऐसे गिरफ्तार किया, जिसके बारे में दंगाईयों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा।

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दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि बेहतर तकनीक का इस्तेमाल करके पुलिस ने दंगाईयों की पहचान की, इसके बाद एक एक करके उन्हें दबोचा गया। पुलिस ने एफआरएस तकनीक (फोटो पहचान) का इस्तेमाल किया।

एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में कैद हुए दंगाईयों की फोटो का मिलान, ड्राइविंग लाइसेंस से किया। उसके जरिये पुलिस ने 94 दंगाईयों को दबोचा। जबकि 231 दंगाईयों को सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया। लाकडाउन लगा हुआ था, कोरोना चरम पर था। इसके बावजूद पुलिस ने तकनीक का इस्तेमाल करके दंगाईयों को उनके सही ठिकाने पर पहुंचाया।

उन्होंने बताया कि राजधानी पब्लिक स्कूल के पीछे दंगाईयों ने गोली मारकर राहुल सोलंकी नाम के युवक की हत्या की थी, पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में लिया और उसके फोन की जांच की। उसके फोन के गूगल मैप ने घटना के दिन उसकी गतिविधि को दर्शा दिया। मैप से उसकी स्थिति उसी स्थान पर मिली, जहां हत्या हुई थी। कुछ शव जली हुई हालत में मिले, जिससे उनकी पहचान नहीं हो पाई। पुलिस ने चेहरे का पुनर्निर्माण (सुपरइंपोजिशन) के माध्यम से शव की पहचान की। 1204 दंगाई ऐसे हैं जिन्हें जमानत प्रदान नहीं की गई है, क्योंकि वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं।

पुलिस ने दंगे 400 से अधिक मामले सुलझा लिए हैं, 2020 के अंत तक 342 आरोपपत्र दायर किए गए हैं। 342 मामलों में कोर्ट संज्ञान ले चुकी है। उन्होंने कहा कोरोना में महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां हुईं। यह सुनिश्चित किया गया गिरफ्तारी मजबूत साक्ष्य के आधार पर की जाए।

तीन एसआइटी बनी

क्राइम ब्रांच में तीन एसआइटी बनाई गई, एसआइटी को 62 मामले सौंपे गए। जिसमें हत्या के 53 मामले शामिल हैं। दंगे की साजिश रचने के मामले में क्राइम ब्रांच ने अलग मामला दर्ज किया, जिसकी जांच स्पेशल सेल को सौंपी। 692 मामलों की जांच थाना पुलिस कर रही है।

एफआइआर 

थाना          केस 


खजूरी खास 153

भजनपुरा 137

गोकलपुरी         118

करावल नगर 91

जाफराबाद         79

दयालपुर 76

ज्योति नगर        35

वेलकम 26

न्यू उस्मानपुर 24

शास्त्री पार्क 10

सोनिया विहार 5

आरोपपत्र संख्या 

कोर्ट में दायर आरोपपत्र 1553


शेष आरोपपत्र जो दायर होने हैं 200

आरोपिताें की स्थिति 

न्यायिक हिरासत जमानत नाबालिग 

1204 544                5

दिल्ली दंगे 

मृतक: 53

घायल : 581

एफआइआर : 755

गिरफ्तार : 1818 


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