समाज को सिखा रहे हरियाली से प्रेम करना, 21 गांवों में लोगों को दे रहे चुके पर्यावरण संरक्षण की सीख
गौतमबुद्धनगर जिले ग्रेटर नोएडा सदर तहसील के गांव नवादा निवासी संजय नवादा कहते हैं- प्रकृति के तत्वों से खिलवाड़ मानव जीवन के लिए उचित नहीं है। वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के साथ हम जलाशयों का संरक्षण कर अपने आसपास की आबोहवा शुद्ध बना सकते हैं।
नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा [धनश्याम पाल]। संजय नवादा गौतमबुद्धनगर जिले में पिछले कई सालों से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने की मुहिम छेड़े हुए हैं। वह तकरीबन सालभर जिले में जगह-जगह पौधे लगाने और लोगों को उसकी देखभाल के प्रति प्रेरित करते रहते हैं। गौतमबुद्धनगर जिले ग्रेटर नोएडा सदर तहसील के गांव नवादा निवासी संजय नवादा अध्यक्ष (पर्यावरण संरक्षण समिति) भी हैं। वह कहते हैं- 'प्रकृति के तत्वों से खिलवाड़ मानव जीवन के लिए उचित नहीं है। वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के साथ हम जलाशयों का संरक्षण कर अपने आसपास की आबोहवा शुद्ध बना सकते हैं। यह पर्यावरण के हित में होगा और आने वाली पीढ़ियों के एक तोहफे के तौर पर होगा। हरियाली से प्रेम प्रत्येक मनुष्य को होना चाहिए। व्यस्त जीवन के बाद भी हम स्वयं फुलवारी, हरियाली तैयार करने में रुचि रखते हैं। इसके लिए लोगों को प्रेरित भी करते हैं। शुद्ध पर्यावरण से संक्रामक बीमारियों के फैलने की गुंजाइश बहुत कम रहती है।'
अब लोगों के साथ प्रशासन से भी मिलने लगा सहयोग
संजय नवादा का कहना है कि पहले लोग पर्यावरण के प्रति उदासीन रहते थे, लेकिन धीरे-धीरे जागरूकता आ रही है। इसी कड़ी में अब शासन प्रशासन का भी सहयोग मिलने लगा है। प्राधिकरण सीईओ से टीगार्ड व पौधा मुहैया कराया गया था। जिसे घर-घर सभी के सहयोग से रोपण कर परवरिश की शपथ ली गई है। पिछले दिनों बिलासपुर कस्बा सहित 21 गांवों में 55 सौ पौधा रोपण किया गया है। इसी के साथ चुनौती भी बढ़ गई है, क्योंकि रोपे गए पौधों का संरक्षण भी बड़ी जिम्मेदारी है। दरअसल, देखभाल के अभाव में ज्यादातर पौधे ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाते। ऐसे में लोगों से मेरा अनुरोध है कि लोग पौधे लगाएं तो उनकी तब तक देखभाल करें जबतक कि वे बड़ी नहीं हो जाएं।
गिलोय भी स्वास्थ्य के लिए अमृत समान
संजय नवादा तुलसी और गिलोय के पौधे घर-घर वितरण करने के साथ पीपल का पौधा लगाने की अपील भी करते रहे हैं। लोगों को पेड़ लगाने के प्रति प्रेरित करने वाले संजय नवादा कहते हैं कि तुलसी और पीपल ऐसे पौधे हैं जो 24 घंटे ऑक्सीजन देते हैं। इसके साथ-साथ गिलोय भी स्वास्थ्य के लिए अमृत समान है। पर्यावरण संरक्षण समिति के अध्यक्ष संजय नवादा अभी तक काफी घरों में तुलसी-गिलोय के पौधा भेंट कर चुके हैं। इसी के साथ संजय नवादा कोरोना संक्रमण के दौर में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए तुलसी और गिलोय का काढ़ा बनाकर सेवन करने की भी सलाह दे रहे थे। उनका कहना है कि जब तक कोरोना वायरस है, यह अभियान जारी रहेगा।
पर्यावरण संरक्षण का संकल्प
संजय नवादा ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए उन्होंने संकल्प लिया है कि वह घर-घर में तुलसी और गिलोय व जंगल में पीपल पौधा को लगवाएंगे। इसके लिए वह लोगों को तुलसी-गिलोय के पौधे वितरित कर रहे हैं। खास बात यह है कि अधिकांश घरों में वह स्वयं जाकर पौधे नि:शुल्क भेंट करते हैं। जिन्हें पौधा भेंट करते हैं उन्हें भी संकल्प दिलाते हैं कि वह दूसरों को इसके लिए प्रेरित करेंगे। संजय नवादा का कहना है कि घर में हमेशा तुलसी और गिलोय को संरक्षित रखने के साथ लोगों को पीपल का पौधा लगाने के लिए भी जागरूक किया जाता है।
कोरोना हारेगा जागरुकता अभियान
संजय नवादा का कहना है कि क्षेत्र के दर्जनों गांवों में शासन प्रशासन द्वारा जारी कोरोना गाइड लाइन के तहत अभियान चलाकर तुलसी गिलोय व पीपल पौधा लगाया जा रहा है। जिससे आक्सीजन व आयुर्वेद प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो। अभियान का उद्देश्य भारत जितेगा कोरोना हारेगा जागरूकता अभियान है। आंगन में तुलसी नीम पर गिलोय जंगल में पीपल पौधा लगाने का अभियान चलाया गया है। आने वाली पीढ़ियों के लिए आक्सीजन पैदा करने का अभियान चल रहा है। यह आगे भी जारी रहेगा।