महामारी से प्रभावित हुए बच्चों के लिए उठा रहे हैं पर्याप्त कदम, केंद्र ने हाई कोर्ट को दी जानकारी
केंद्र सरकार ने कहा कि महामारी से प्रभावित बच्चों के सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए संवाद - कमजोर परिस्थितियों और संकट में बच्चों के लिए समर्थनख वकालत और मानसिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप नामक एक राष्ट्रीय पहल भी शुरू की गई है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी में माता-पिता की मौत के कारण अनाथ हुए बच्चों के हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाये जा रहे हैं और ऐसे बच्चों के तत्काल पुनर्वास के लिए राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा गया है। एक जनहित याचिका पर हलफनामा दायर कर यह जानकारी केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में दी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने हलफनामा में कहा कि बाल संरक्षण को मजबूत करने और इसकी संभावनाओं पर चर्चा के लिए राज्यों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। यह भी बताया कि कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के संबंध में l098 चाइल्ड लाइन नंबर पर जानकारी साझा की जा सकती है।
केंद्र सरकार ने कहा कि महामारी से प्रभावित बच्चों के सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए संवाद - कमजोर परिस्थितियों और संकट में बच्चों के लिए समर्थनख, वकालत और मानसिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप" नामक एक राष्ट्रीय पहल भी शुरू की गई है। राज्य सरकारों से प्रत्येक जिले में ऐसे बच्चों की सहायता के लिए एक चाइल्ड केयर संस्थान नामित करने का अनुरोध किया गया है।
अधिवक्ता जितेंद्र गुप्ता ने जनहित याचिका दायर कर अनाथ हुए ऐसे बच्चों की अंतरिम कस्टडी उनके निकटतम रिश्तेदारों या चाइल्ड-केयर होम में में देने का निर्देेश देने की मांग की है। उन्होंने मानव तस्करी का शिकार होने की संभावना व्यक्त करते हुए कानूनी गोद लेने के विकल्पों का पता लगाने के संबंध में अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की है, ताकि लोगों के अंदर महामारी से प्रभावित बच्चों को गोद लेने के लिए रुचि पैदा की जा सके।