Delhi Riots 2020: ताहिर हुसैन की मुश्किलें बढ़ना तय, सह आरोपित अमित गुप्ता ने बनेंगे सरकार गवाह
ताहिर पर आरोप है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन और दिल्ली में दंगा भड़काने के लिए डमी कंपनियां बनाकर अवैध तरीके से 1.10 करोड़ रुपये जुटाए थे। इस मामले में पिछले वर्ष अगस्त में ताहिर हुसैन की गिरफ्तारी हुई थी।
नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। दिल्ली दंगे से जुड़े मनी लांडिंग के मामले में मुख्य आरोपित व पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सह आरोपित अमित गुप्ता ने कड़कड़डूमा कोर्ट में सरकारी गवाह बनने के लिए अर्जी लगाई है। वह मामले में साक्ष्य भी उपलब्ध कराना चाहता है। इस पर कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से राय मांगी है। अब मामले में अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।
ईडी ने प्रीवेंशन आफ मनी लांडिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत ताहिर हुसैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। आरोप है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन और दिल्ली में दंगा भड़काने के लिए डमी कंपनियां बनाकर अवैध तरीके से 1.10 करोड़ रुपये जुटाए थे। इस मामले में पिछले वर्ष अगस्त में ताहिर हुसैन की गिरफ्तारी हुई थी। ईडी ने पिछले वर्ष अक्टूबर में आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें रोहिणी में रहने वाले लकड़ी कारोबारी अमित गुप्ता को सह आरोपित बनाया था। धन जुटाने में अमित गुप्ता ने ताहिर हुसैन की मदद की थी। सीधे आरोपपत्र में ही आरोपित बनाया गया था, इस कारण उसे न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा गया था। कोर्ट ने उसकी अर्जी पर जमानत दे दी थी।
सोमवार को मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत में सुनवाई के दौरान सह आरोपित अमित गुप्ता की तरफ सीआरपीसी 306 के तहत अर्जी लगाई थी। उसने इच्छा जाहिर की कि वह सरकारी गवाह बनना चाहता है। वह इस मामले में ईडी की पूर्ण मदद करेगा। जो साक्ष्य होंगे, वह मुहैया कराएगा। इस आधार पर उसने राहत मांगी है। उसकी इस अर्जी पर कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय से उसका पक्ष पूछा है। अमित गुप्ता का ताहिर हुसैन से कारोबारी संबंध था। इससे पहले भी दंगे के अन्य मामलों में ताहिर हुसैन का अकाउंटेंट और ड्राइवर गवाह बन कर कई अहम राज खोल चुके हैं।