Delhi Riots 2020: दिल्ली दंगे को हवा देने के लिए ताहिर ने फर्जी बिलों से जुटाया था धन
Delhi Riots 2020 श्रमिकों की आपूर्ति के नाम फर्जी बिलों के जरिये धन जुटाया गया था इसलिए उस पर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की धाराएं लगाई गई हैं। ईडी ने ताहिर हुसैन से जुड़े धनशोधन मामले में जांच करते हुए इन फर्जी बिलों को जब्त कर मुकदमा दर्ज किया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। फरवरी 2020 में उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे को हवा देने के लिए मुख्य आरोपित व आम आदमी पार्टी के पार्षद रहे ताहिर हुसैन ने फर्जी बिलों के जरिये धन जुटाया था। खजूरी खास मामले में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद के खिलाफ दायर पूरक आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस ने इस बात का जिक्र किया है। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि श्रमिकों की आपूर्ति के नाम फर्जी बिलों के जरिये धन जुटाया गया था, इसलिए उस पर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की धाराएं लगाई गई हैं। यह बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ताहिर हुसैन से जुड़े धनशोधन मामले में जांच करते हुए इन फर्जी बिलों को जब्त कर मुकदमा दर्ज किया था।
आरोपपत्र में कहा गया है कि जांच के दौरान ताहिर हुसैन ने धनशोधन के लिए अपनी कंपनी के अकाउंटेंट का इस्तेमाल किया था। पुलिस ने गवाह के तौर पर अकाउंटेंट से गत वर्ष जनवरी में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध प्रदर्शन की तैयारी को लेकर ताहिर हुसैन द्वारा किए गए वित्तीय लेनदेन के बारे में पूछताछ की थी। जिसमें पता चला कि उसने अमित गुप्ता और मनोज ठाकुर से धन प्राप्त किया था और ताहिर को दे दिया था।
आरोपपत्र में आरोप लगाया गया है कि ताहिर हुसैन ने अपने साझेदार नितेश गुप्ता से मुखौटा कंपनी के खातों में धन भेजने के लिए कहा था। उसने लेनदेन को स्थापित करने के लिए श्रमिकों की आपूर्ति के फर्जी बिल नितेश गुप्ता को उपलब्ध कराए थे, जबकि असल में इस तरह की कोई सेवा कभी उपलब्ध ही नहीं कराई गई। आरोपपत्र में कहा गया है कि कॉल डिटेल से पता चलता है कि ताहिर हुसैन और उमर खालिद के बीच दंगे को लेकर गहरे संबंध थे। बता दें, दंगे में नाम आने के बाद आम आदमी पार्टी ने ताहिर हुसैन को निलंबित कर दिया था।
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