Maulana Saad Tablighi Jamaat: 150 देशों से धर्म के नाम पर होती थी मौलाना साद को फंडिंग
Maulana Saad Tablighi Jamaat तब्लीगी मरकज के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद की पिछले तीन महीने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और क्राइम ब्रांच पूरी कुंडली खंगाल चुकी है।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। Maulana Saad Tablighi Jamaat: दक्षिण दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मकरज जमात का मुखिया मौलाना साद (Maulana Saad) ने हवाला के जरिये विदेशों से फंडिंग हासिल की है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के साथ प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। दरअसल, देश में कोरोना को लेकर बड़ा संकट खड़ा करने वाले तब्लीगी मरकज के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद की पिछले तीन महीने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और क्राइम ब्रांच पूरी कुंडली खंगाल चुकी है। पहले तो साद को दोनों जांच एजेंसियों ने बार-बार नोटिस भेज कई सवालों के जवाब मांगे, लेकिन अधिवक्ताओं के जरिए कुछ ही सवालों के आधे अधूरे व गोलमोल जवाब देने पर जांच एजेंसियों ने अपने स्तर पर उसकी पूरी कुंडली खंगालने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
150 देशों से होती थी फंडिंग
दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक उसके सभी ठिकानों पर जाकर साद के बारे में जानकारी जुटाई गई। इसी क्रम में जांच एजेंसियों को बड़ी जानकारी मिली कि मौलाना साद को करीब 150 देशों से धर्म के नाम पर फंडिंग होती थी। करोड़ों की फंडिंग होने के कारण ही मौलाना साद चंद सालों में फर्श से अर्श पर जा पहुंचा।
जांच के दौरान बड़ा खुलासा ये हुआ है कि दिल्ली स्थित तब्लीगी मरकज जमात के कार्यक्रम से पहले मौलाना साद के खाते में बड़ी रकम आई थी। वर्ष 2005 के बाद हवाला के जरिये मरकज के खाते में बहुत बड़ी रकम आई थी। सूत्रों के मुताबिक निजामुद्दीन मरकज में ज्यादातर फंडिंग हवाला के जरिये हो रही थी, ये खुलासे दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आए हैं। इस बाबत निजामुद्दीन के एक बैंक अधिकारी ने मौलाना साद के चार्टर एकाउंटेंट से पूछताछ भी कर चुकी है।
MHA का इशारा मिलते ही होगी गिरफ्तारी
जांच एजेंसियों को अब गृहमंत्रालय से उसकी गिरफ्तारी को लेकर हरी झंडी मिलने का इंतजार है। उसके बाद जांच में रही सही कसर भी पूरी कर ली जाएगी। सूत्रों की मानें तो ईडी को मौलाना साद की तमाम बेनामी संपत्तियों का भी पता लग गया है। गिरफ्तारी के बाद उक्त संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मौलाना साद को लेकर जांच एजेंसी इसलिए शुरू से गोपनीयता बरत रही है क्योंकि गृहमंत्रालय से उन्हें सख्त हिदायत दी गई है।
मौलाना के 3 बेटों की भी होगी गिरफ्तारी
मुकदमे में साद के अलावा मरकज प्रबंधन से जुड़े छह अन्य मौलानाओं के ही नाम दर्ज है, जिनमें मौलाना साद के एक बेटे का नाम भी शामिल है। जांच के दौरान 8 अन्य लोगों की भूमिका सामने आई जो साद के पूरे प्रबंधन को संभालता था। उसके साथ गैर कानूनी हर गतिविधियों में शामिल थे। ऐसे में जांच एजेंसियों के रडार पर करीब 15 आरोपित हैं, जिनकी गिरफ्तारी तय है। बताया जा रहा है कि मौलाना साद के साथ उसके तीनों बेटों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। 28 मार्च को निजामुद्दीन से फरार होने के बाद साद जाकिर नगर स्थित अलीम के घर में रह रहा है। बताया जाता है कि वहीं पर उसके तीनों बेटे भी रहते हैं। गौरतलब है कि मौलाना साद और तब्लीगी जमात के बाकी आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है।इनमें 6 लोग तो मौलाना के करीब हैं। इस धारा के तहत कम से कम दस साल या उम्रकैद तक की सज़ा का प्रावधान है।