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Swatantrata Ke Sarthi: धार्मिक कुरीतियों में जकड़ी महिलाओं की संबल बनी शहनाज अफजाल

शहनाज का समाज के प्रति जुड़ाव स्कूली शिक्षा से ही प्रारंभ हो गया था। वह बताती हैं कि स्कूल की एक अध्यापिका ने कहा था कि हर दिन एक नेक काम करो।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 11:48 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 11:48 AM (IST)
Swatantrata Ke Sarthi: धार्मिक कुरीतियों में जकड़ी महिलाओं की संबल बनी शहनाज अफजाल
Swatantrata Ke Sarthi: धार्मिक कुरीतियों में जकड़ी महिलाओं की संबल बनी शहनाज अफजाल

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कश्मीरी गेट क्षेत्र में रहने वाली शहनाज अफजाल धार्मिक कुरितियों से जकड़ी महिलाओं की संबल बनी हैं। वह न सिर्फ धार्मिक कुरीती तीन तलाक और हलाला के खिलाफ मुखर आवाज उठाती हैं बल्कि पीड़ित महिलाओं को इंसाफ दिलाने से लेकर उनको आत्मनिर्भर बनाने में भी तल्लीनता से जुटी हैं। वह मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के महिला विंग की राष्ट्रीय संयोजक हैं। दिल्ली के साथ ही वह उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब समेत अन्य राज्यों में सक्रिय हैं। संगठन की ओर से तीन तलाक पीड़ित व विधवाओं की सालाना आर्थिक मदद की भी कोशिशें शुरू हुई हैं।

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शहनाज का समाज के प्रति जुड़ाव स्कूली शिक्षा से ही प्रारंभ हो गया था। वह बताती हैं कि स्कूल की एक अध्यापिका ने कहा था कि हर दिन एक नेक काम करो। इस नेक काम की शुरुआत उन्होंने घर के आसपास की बुजुर्ग महिलाओं की मदद कर प्रारंभ किया। इसके साथ गरीबों की मदद, शोषण के खिलाफ आवाज उठाना, शिक्षा के प्रति जागरूकता जैसे प्रयास भी पढ़ाई के साथ जारी रखे।

उन्होंने जामिया मिल्लिया से फाइन आट्र्स किया। इसके बाद एक निजी स्कूल में पढ़ाने लगीं पर वहां कहां मन रमता। इसलिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से जुड़कर अपने समाज की महिलाओं पर धर्म के नाम पर हो रहे शोषण के खिलाफ आवाज उठाना शुरू किया।

तीन तलाक व हलाला ऐसा मुद्दा है, जिस पर वह काफी मुखर हैं। इसके साथ अशिक्षा और बेरोजगारी को दूर करने का लक्ष्य बनाया। वह खुश हैं कि उन जैसे लोगों के सम्मिलित प्रयासों का असर रहा कि केंद्र सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया। कानून बनने के बाद वह पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता व खुद के पैरों पर खड़े होने के लिए कौशल विकास का प्रशिक्षण दिलवाने लगीं। इस तरह अभी तक वह चार हजार से अधिक महिलाओं की जिंदगी में बदलाव ला चुकी हैं और यह सफर अभी जारी है।


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