Inside Story: क्यों आया था सुशील को गुस्सा? कैसे लिखी गई थी सागर हत्याकांड की लिखी पूरी कहानी, जानें सब कुछ
सुशील को ऐसा अंदाजा नहीं था कि पिटाई से सागर की मौत हो जाएगी और वह बुरी तरह फंस जाएगा। अब गिरफ्तार होने के बाद उसके साथ जिस तरह का व्यवहार हो रहा है उससे वह बेहद मानसिक तनाव में है।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में एक और नई बात सामने आ रही है। विगत चार मई को घटना वाले दिन कुख्यात काला जठेड़ी के ममेरे भाई सोनू, रविन्द्र व अन्य का माडल टाउन वाले फ्लैट को लेकर ओलंपियन सुशील कुमार से झगड़ा हो गया था। उन लोगों ने सुशील पर हावी होकर उसकी शर्ट का कालर पकड़ लिया था। इतना ही नहीं, उसे देख लेने की धमकी देते हुए दौड़ा दिया था। सुशील को अपनी बेइज्जती नागवार गुजरी। खुन्नस व तनाव में आकर उसने उसी दिन बदला लेने की ठान ली। इसके लिए सुशील ने कुख्यात नीरज बवाना व असौदा गिरोह के बदमाशों का सहारा लिया। कुछ घंटे के अंदर ही उसने हरियाणा से बदमाशों को बुला उसी रात सोनू समेत अन्य की बुरी तरह से पिटाई कर दी। घटना में सागर के सिर पर गंभीर चोट लग जाने के कारण मौत हो गई।
इस कारण चल रहा था विवाद
पुलिस सूत्रों की मानें तो सुशील की पत्नी के नाम वाले फ्लैट को खाली न करने को लेकर विवाद भले ही पहले से चला आ रहा हो, लेकिन सोनू, सागर व अन्य की जानवरों की तरह पिटाई करने की पृष्टभूमि चार मई को दिन में ही अचानक तैयार हो गई थी। पुलिस का कहना है कि दिन में सुशील जब छत्रसाल स्टेडियम आया था तब उसके साथ अधिक पहलवान नहीं थे। स्टेडियम में अचानक उसकी सोनू, सागर, अमित, भक्तु, रविन्द्र व विकास आदि से कहासुनी हो गई। बात आगे बढ़ने पर इन लोगों ने सुशील पर हावी होकर खूब भला बुरा कह डाला। उसे अपमानित किया और देख लेने की धमकी दी। उस समय तो सुशील स्टेडियम से चला गया, लेकिन अपमान का बदला लेने के लिए उसने तुरंत उन लोगों को सबक सिखाने की ठान ली।
अजय व अन्य साथियों के साथ मिलकर उसने बदमाशों को फोनकर दिल्ली बुला लिया। पहले किसी अन्य जगह पर सभी जमा हुए। वहां कुछ ने शराब पी और खाना खाया। उसके बाद 5-6 कारों में सवार होकर वे लोग देर रात 12 बजे शालीमारबाग में रविन्द्र के घर पर पहुचे। रविन्द्र उस समय अपने घर के नीचे एक दुकान के सामने खड़ा होकर आइसक्रीम खा रहा था। रविन्द्र व उसके साथी विकास को उन लोगों ने अपनी कारों में बैठाकर अगवा कर लिया। इसके बाद सभी माडल टाउन स्थित सोनू के फ्लैट के पास पहुंचे। वहां से सोनू, सागर, अमित व भक्तु को कारों में बैठाकर सभी को रात करीब एक बजे छत्रसाल स्टेडियम ले आए। यहां पार्किंग एरिया में सभी छह पहलवानों को घेरकर सुशील व उसके साथ आए बदमाशों में लाठी डंडे, हाकी स्टिक आदि से बुरी तरह जानवरों की तरह पिटाई शुरू कर दी।
सुशील ने पिटाई की शुरुआत करते हुए इन्हें कहा था कि बदमाश बनते हो ...मैं तुम लोगों को बदमाश बनाता हूं। तुम लोग मेरे फ्लैट पर कब्जा करोगे। कोर्ट को पुलिस ने बताया है कि इन लोगों ने सागर, सोनू व अन्य की जानवरों की तरह पिटाई की थी। सोनू को पेशाब पिलाने की भी कोशिश की गई।
सुशील को ऐसा अंदाजा नहीं था कि पिटाई से सागर की मौत हो जाएगी और वह बुरी तरह फंस जाएगा। अब गिरफ्तार होने के बाद उसके साथ जिस तरह का व्यवहार हो रहा है, उससे वह बेहद मानसिक तनाव में है। वह परिचित तो दूर अपने रिश्तेदारों से भी नहीं मिलना चाह रहा है। थाने के मेस का खाना उसे एकदम पसंद नहीं आ रहा है। वह पहलवान की डाइट मांग रहा है।
लाकअप में रहने के कारण अपना 39वां जन्मदिन नहीं मना सका सुशील
सुशील के जन्मदिन पर बुधवार को उसके कई प्रशंसक उससे मिलने शकरपुर स्थित क्राइम ब्रांच के कार्यालय पर पहुंचे। उन्होंने सुशील से मिलने की इच्छा जाहिर की, लेकिन पुलिस ने कोरोना को देखते हुए किसी को मिलने नहीं दिया। पुलिस ने प्रशंसकों से कहा कि अगर उनका सुशील के लिए कुछ संदेश है तो वे उसतक पहुचा देंगे। कुछ लोगों ने अपना संदेश भेजा। पुलिसकर्मियों द्वारा बताने पर सुशील ने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की। उल्लेखनीय है कि पिछले साल उसके जन्मदिन पर काला जठेड़ी समेत कई बदमाशों ने जमकर जश्न मनाया था।