दिल्ली में प्रदूषण का कहर, सुप्रीम कोर्ट 10 नवंबर को होगी सुनवाई
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि यह एक पब्लिक इमरजेंसी है। भयावह हालात के बीच सियासी दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में लगे हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली में जहरीली हुई हवा का मामला प्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट के आदेश पर बनाई गई EPCA (इंवायरमेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी) की तरफ से पर्यवरणविद सुनीता नारायण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली के हालात बेहद खराब हैं। प्रदूषण को लेकर सुनीता नारायण की याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट में 10 नवंबक को सुनवाई होगी।
Sunita Narayan's plea hearing on Delhi pollution matter: SC defers the matter till Thursday, November 10.
— ANI (@ANI_news) November 8, 2016
इससे पहले पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि यह एक पब्लिक इमरजेंसी है।प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही कई दिशा-निर्देश जारी कर चुका है, लेकिन अब तक इस बारे में प्रभावी कदम नहीं उठाए गए।
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पिछली सुनवाई में प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था, 'हम 21वीं सदी में हैं। यूरोप में यह काम 50 साल पहले ही हो चुका है। लंदन मेट्रो को 100 साल हो चुके हैं। सिस्टम में बदलाव की जरूरत है जबकि आपका रवैया पुराना ही है।
प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर से अधिक है। लोग मास्क लगा कर बाहर निकल रहे हैं। स्कूल बंद हैं और अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। भयावह हालात के बीच सियासी दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में लगे हैं।
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