सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से मांगा जवाब, किस प्रोजेक्ट में कितने पैसे लगे
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आम्रपाली ग्रुप से हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से यह जवाब मांगा है कि अब तक किस प्रोजेक्ट में कितने पैसे लगाए गए हैं ।
नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आम्रपाली ग्रुप से हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से यह जवाब मांगा है कि अब तक किस प्रोजेक्ट में कितने पैसे लगाए गए हैं और किस कंपनी के कौन से डायरेक्टर रहे हैं। कोर्ट ने कंपनी की शुरुआती डायरेक्टर से लेकर अभी तक के सभी डायरेक्टरों का नाम मांगा है। आम्रपाली ग्रुप ने जो अब तक लोन और एडवांस लिया है उसके एवज में कोर्ट ने 200 करोड़ रुपये जमा कराने का भी निर्देश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।
बता दें कि आम्रपाली ग्रुप पर हजारों खरीदारों के फ्लैट नहीं देने का आरोप लग रहा है। इससे पहले कोर्ट ने अपने आदेश में इस ग्रुप के फाइव स्टार होटल, एफएमसीजी कंपनी, कॉर्पोरेट ऑफिस और मॉल्स को अटैच करने का आदेश दिया है।
आम्रपाली के सैकड़ों हाउसिंग प्रोजेक्ट्स हैं, जिनमें नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा के वो 170 टावर शामिल हैं जिनमें 46 हजार होम बायर्स ने निवेश कर रखा है। इन प्रोजेक्ट्स के लिए कंपनी ने विभिन्न वित्तीय संस्थानों एवं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के जरिए भी 4,040 करोड़ रुपये जुटाए। 2015 तक की बैलेंस शीट और कुछ कच्चे-पक्के आंकड़ों का हवाला देते हुए आम्रपाली ग्रुप ने दावा किया कि उसने इन हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स में 10 हजार 300 करोड़ रुपये निवेश किए।
संपत्ति नीलामी का आ चुका है आदेश
रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली के 45 हजार खरीदारों को उनका आशियाना उपलब्ध कराने की दिशा में कोर्ट ने इसकी संपत्ति नीलामी की हामी दी थी। ऋण वसूली ट्रिब्यूनल (डीआरटी) ने कंपनी की 16 संपत्तियों को नीलाम करने का आदेश दिया था। इनमें ग्रेटर नोएडा की परियोजना के साथ जयपुर, इंदौर, मुजफ्फरपुर व अन्य संपत्तियां शामिल हैं। डीआरटी ने ग्रेटर नोएडा की संपत्तियों का आरक्षित मूल्य 2554 करोड़ रुपये तय किया है। इसमें तीन परियोजनाएं शामिल हैं। इनकी नीलामी पांच मार्च को होगी।