Flat in Delhi NCR: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हजारों होम बायर्स को फायदा, अब NBCC पूरे करेगा आठ प्रोजेक्ट
Flat in Delhi NCRसुप्रीम कोर्ट के फैसले से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अधूरे पड़े प्रोजेक्टस अब जल्द ही बनेंगे।
नोएडा, जागरण संवाददाता। Flat in Delhi NCR: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) को आम्रपाली समूह के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फंसे आठ प्रोजेक्ट का निर्माण और उनका पजेशन जल्द से जल्द देने का आदेश जारी किया है। इसके बाद नोएडा के उन 42 हजार निवेशकों के चेहरे खिल गए हैं, जो अपना आशियाना हासिल करने के लिए कई वर्षो से सड़क से संसद तक संघर्ष कर रहे हैं।
निवेशकों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस उदय ललित की खंडपीठ ने कंपनी से कहा है कि वो आम्रपाली के जोडिएक, सफायर-1 और 2, सिलिकॉन सिटी-1 और 2, प्रिसली इस्टेट, ओ2 वैली और सेंचुरियन पार्क का अधूरा निर्माण पूरा करें। इन प्रोजेक्ट में कुल 11258 घर खरीदारों के फ्लैट फंसे पड़े हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने सुरेखा परिवार को भी लताड़ लगाई है।
इस परिवार ने पहले कोर्ट में कहा था कि वो आम्रपाली के कुछ प्रोजेक्ट खरीदना चाहती है। इसके लिए कोर्ट ने सुरेखा परिवार को 167 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था, लेकिन तय तारीख तक उसने यह पैसा जमा नहीं किया है। कोर्ट ने सुरेखा परिवार को चेतावनी देते हुए कहा है कि उसके परिवार के तीन सदस्यों को जेल भेज दिया जाएगा, अगर उसने रकम जल्दी जमा नहीं की।
कोर्ट अब 13 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई करेगा। वहीं आज सुनवाई के दौरान स्ट्रेस फंड को लेकर भी चर्चा की गई कयास लगाए जा रहे हैं कि अगली सुनवाई के दौरान आम्रपाली को फंड मिल सकता है, जिससे उसकी बाधाएं दूर हो सकेंगे। अब निवेशकों को 13 दिसंबर की सुनवाई का बेसब्री से इंतजार है।
इन प्रोजेक्ट्स के लिए आया ओदश
जोडिएक (Zodiac)
सफायर्स (Sapphire 1 & 2)
सिलकॉन सिटी (Silicon City 1 & 2)
प्रिंसली स्टेट (Princely Estate)
सेंट्यरियन पार्क लो राइज (Centurion Park Low Rise)
ओ-टू वैली O2 Valley
बता दें कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कई अधूरे प्रोजेक्टस को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट की दरवाजे पर पहुंचा है। कोर्ट कई मामलों में सुनवाई भी कर रहा है। लोग लगातार बिल्डर पर यह आरोप लगा रहे हैं कि बिल्डर उनसे पैसे तो ले ले रहे हैं मगर उनके फ्लैट समय पर तैयार करके नहीं दे रहे हैं। इतना ही नहीं कई बिल्डर पर तो धोखाधड़ी तक का आरोप लग चुका है। इन सबके बीच सु्प्रीम कोर्ट के इस आदेश से कई घर खरीदार को इससे राहत मिलने की संभावना है।