Move to Jagran APP

Delhi Pollution: नाराज सुपीम कोर्ट ने कहा- लोगों की उम्र घट रही है, लोग मर रहे हैं और सरकारें नाकाम हैं

Delhi Pollution कोर्ट ने युद्ध स्तर पर प्रदूषण रोकने के उपाय लागू करने का आदेश देते हुए पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को बुधवार को तलब किया है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 09:47 AM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 07:23 AM (IST)
Delhi Pollution: नाराज सुपीम कोर्ट ने कहा- लोगों की उम्र घट रही है, लोग मर रहे हैं और सरकारें नाकाम हैं
Delhi Pollution: नाराज सुपीम कोर्ट ने कहा- लोगों की उम्र घट रही है, लोग मर रहे हैं और सरकारें नाकाम हैं

नई दिल्ली [माला दीक्षित]। Delhi Pollution: लोगों की उम्र घट रही है, लोग मर रहे हैं और सरकारें नाकाम हैं। लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया गया है, यह जीवन के अधिकार का खुला उल्लंघन है। किसी सभ्य समाज में ऐसा नहीं होता। सोमवार को दिल्ली और एनसीआर में जानलेवा प्रदूषण के हाल पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह सख्त टिप्पणी की। इसी के साथ पराली व कूड़ा जलाने पर तत्काल रोक का आदेश देते हुए कहा कि ऐसी एक भी घटना अदालत के आदेश का उल्लंघन मानी जाएगी। कोर्ट ने युद्ध स्तर पर प्रदूषण रोकने के उपाय लागू करने का आदेश देते हुए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को बुधवार को तलब किया है। इस बीच, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने भी पंजाब और हरियाणा को पराली जलाने की घटनाओं को रोकने की हिदायत दी है। कचरा जलाने के मामलों पर रोक नहीं लगा पाने पर दिल्ली सरकार को भी पीएमओ ने फटकारा है।

loksabha election banner

कोर्ट में केंद्र, राज्य सरकार और नगर निगमों को लगाई फटकार

न्यायमूर्ति अरुण मिश्र और दीपक गुप्ता की पीठ ने वायु प्रदूषण रोकने में नाकाम रही केंद्र व राज्य की सरकारों तथा नगर निगमों को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली घुट रही है। लोग घरों में भी प्रदूषण से सुरक्षित नहीं हैं। घर के अंदर एक्यूआइ 500-600 से ऊपर पहुंच गया है। हर साल यही होता है। इसके लिए राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं। कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकारें और नगर निगम अपनी ड्यूटी में नाकाम हैं। एक अक्टूबर से तीन नवंबर तक की सेटेलाइट इमेज देखने से पता चलता है कि पंजाब में बड़े पैमाने पर पराली जली है। विशेषतौर पर चार जिलों तरनतारन, संगरुर, पटियाला और फिरोजपुर में। हरियाणा में हालात इससे थोड़ा बेहतर रहे हैं। वैज्ञानिक आंकड़े बताते हैं कि प्रदूषण से लोगों की उम्र घट रही है। यह जीवन के अधिकार का खुला उल्लंघन है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वह दिल्ली न आएं। लोगों को काम करना है, दिल्ली खाली नहीं की जा सकती।

तय करनी होगी जिम्मेदारी

कोर्ट ने कहा कि जीवन के अधिकार के उल्लंघन को देखते हुए जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करने का समय आ गया है। किसी भी किसान को इस आधार पर पराली जलाने का अधिकार नहीं दिया जा सकता कि उसके पास अगली फसल के लिए कम वक्त है। ऐसे किसानों से कोई सहानुभूति नहीं है, जो दूसरों की जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं। जहां पराली जलती है, उसके पड़ोसी राज्य भी प्रभावित होते हैं। ऐसे में स्टेट मशीनरी से ग्राम पंचायत स्तर तक सभी की जवाबदेही बनती है। यह दुष्कृति (टार्ट) का अपराध है, जो दंडनीय है।

पराली जलने पर लगे पूरी रोक

कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्यों के मुख्य सचिव, जिलाधिकारी, तहसीलदार, संबंधित थाना, एसपी, आइजी और पूरी पुलिस व प्रशासनिक मशीनरी सुनिश्चित करे कि उनके यहां बिल्कुल पराली न जले। अगर एक भी घटना हुई तो सचिव से लेकर पूरा प्रशासन और सभी जिम्मेदार माने जाएंगे। पराली जलने से हो रहा प्रदूषण टार्ट के तहत अपराध है। ऐसे में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव बताएंगे कि कोर्ट के आदेश के बावजूद इसे रोकने में नाकाम रहने पर क्यों न राज्यों से हर्जाना वसूला जाए।

ग्राम प्रधान निभाएंगे भूमिका

कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी ग्राम प्रधान व संबंधित थाना सूची तैयार करेंगे कि कहां-कहां किस-किस ने पराली जलाई। वे सुनिश्चित करें कि कहीं पराली न जले। अगर जली तो वे भी जिम्मेदार माने जाएंगे। तीनों राज्य व दिल्ली सरकार स्थिति को काबू करने के लिए तत्काल कदम उठाए। दिल्ली सरकार और विभिन्न नगर निगम बिना देरी के कचरा प्रबंधन के इंतजाम करें।

ऑड-इवेन का उद्देश्य और फायदा बताए सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण खत्म करने के लिए शुरू की गई ऑड-इवेन योजना पर दिल्ली सरकार से रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार शुक्रवार तक रिपोर्ट दाखिल करे कि इस योजना का क्या उद्देश्य है और इससे क्या फायदा हुआ। सरकार पिछली बार की तुलना करते हुए रिपोर्ट दे। यह भी बताए कि ऑड-इवेन लागू होने से लोग तिपहिया ऑटो और टैक्सी का प्रयोग बढ़ा देते हैं, ऐसे में ये वाहन ज्यादा संख्या में सड़क पर आ जाते हैं तो फिर योजना का उद्देश्य कैसे पूरा होता है। इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि राजधानी में ऑटो और टैक्सी में ईंधन के तौर पर सीएनजी का इस्तेमाल होता है, जो स्वच्छ ईंधन है।

कोर्ट के निर्देश पर पेश हुए विशेषज्ञ

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर तत्काल नियंत्रण के उपाय जानने के लिए सोमवार को ही विशेषज्ञों को कोर्ट में तलब किया। कोर्ट के आदेश पर पर्यावरण मंत्रलय की संयुक्त सचिव, ईपीसीए के अध्यक्ष भूरेलाल और आइआइटी के प्रोफेसर पेश हुए और उन्होंने कोर्ट को प्रदूषण से निपटने के उपाय बताए। भूरेलाल ने कोर्ट को बताया कि अगली मुसीबत भूजल की आने वाली है। इसके लिए समय रहते उपाय किए जाने की जरूरत है।

फटकार

  • प्रदूषण से लोगों की उम्र घट रही, यह जीवन के अधिकार का उल्लंघन
  • अब कहीं पराली जली तो सचिव से लेकर प्रधान तक होंगे जिम्मेदार
  • लोगों की जिंदगी खतरे में डालने वाले किसानों से सहानुभूति नहीं

अदालत के निर्देश

  • आवश्यक वस्तुओं के अलावा कोई मालवाहक डीजल वाहन दिल्ली में न घुसे
  • दिल्ली-एनसीआर में निर्माण करने और ढहाने पर एक लाख का जुर्माना। स्थानीय और जोनल अधिकारी भी होंगे जिम्मेदार
  • एनसीआर में कूड़ा जलाने पर 5000 रुपये का जुर्माना। खुले में कूड़ा नहीं डाला जाएगा
  • एनसीआर में बिजली कटौती नहीं हो, ताकि जनरेटर का इस्तेमाल न करना पड़े। अगले आदेश तक जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक
  • जाम से बचाने के लिए ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाए, सड़कों पर पानी का छिड़काव करना होगा
  • लोगों को जागरूक करने के लिए कोर्ट के फैसले का टीवी मीडिया, थाना, तालुका और तहसील स्तर पर व्यापक प्रचार हो

वहीं, जस्टिस अरुण मिश्र ने कहा कि दिल्ली व अन्य राज्य सरकारें तीन सप्ताह में बताएं कि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के कौन से उपाय किए जाएं आप इसे एयर इमरजेंसी क्यों कहते हैं? यह इमरजेंसी से भी बुरा है। इमरजेंसी के दिनों के हालात इससे बेहतर थे। 

हालात थोड़ा सुधरे, राहत का इंतजार

दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन अब भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। दिल्ली में सोमवार को प्रदूषण के स्तर में रविवार की तुलना में कमी आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सोमवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 416 दर्ज हुआ, जो रविवार को 494 था। अगले दो दिनों में दिल्ली में तेज हवा से हालात में और सुधार की उम्मीद है। हरियाणा और पंजाब में भी प्रदूषण में कमी आई है।

दिल्ली-एनसीआर की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.