नशे में धुत एसआइ के बेटे ने कार से बच्चे को रौंदा, मासूम की मौत नाना गंभीर
दिल्ली में एएसआइ के बेटे द्वारा कॉल सेंटर में घुस युवती से बेरहमी से मारपीट करने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि फरीदाबाद में एक पुलिसवाले के बेटे की काली करतूत सामने आयी है।
फरीदाबाद (जेएनएन)। दिल्ली में एएसआइ के बेटे द्वारा कॉल सेंटर में घुसकर युवती से बेरहमी से मारपीट करने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब फरीदाबाद में एक पुलिसवाले के बेटे की काली करतूत सामने आयी है। फरीदाबाद में नशे में धुत हो कार चला रहे एक एसआइ के बेटे ने रविवार रात बाइपास रोड पर सेक्टर-28 के पास स्कूटी सवार आठ साल के बच्चे को रौंद दिया। उसकी अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। बच्चा स्कूटी पर नाना के पीछे बैठा था। हादसे में नाना भी बुरी तरह से घायल हो गए।
मृत बच्चे का नाम यश है। वह बसेलवा कॉलोनी ओल्ड फरीदाबाद में मां दीपा के साथ नाना विनोद के घर रहता था और इसी क्षेत्र में एवरग्रीन कान्वेंट स्कूल में तीसरी कक्षा का छात्र था। टक्कर मारने वाली होंडा अमेज कार का चालक 21 वर्षीय आशीष पुलिस सब इंस्पेक्टर का बेटा है, जो फरीदाबाद में ही तैनात है। कार में उसके दो दोस्त भी सवार थे। लोगों ने आशीष को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया। मेडिकल में उसके शराब पीने की पुष्टि हो गई है। आशीष जिम ट्रेनर है। पुलिस के अनुसार रात में वह दोस्तों के साथ पार्टी कर लौट रहा था।
घायल बच्चे यश के मामा देवदत्त के अनुसार रात में उनके पिता विनोद, यश को लेकर स्कूटी से दवा लेने जा रहे थे। बाइपास रोड पर एसओएस स्कूल के सामने तेज रफ्तार कार ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि स्कूटी को करीब 100 मीटर तक घसीटते हुए ले गई। यश ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। जबकि विनोद का इलाज सवरेदय अस्पताल में चल रहा है।
धमकाने का वीडियो वायरल
इस हादसे के बाद एक वीडियो वायरल हो रही है,। इसमें आरोपित आशीष नशे में धुत दिख रहा है। साथ ही वह लोगों को पिता के पुलिस में होने की भी धमकी देता सुनाई दे रहा है।
परिजनों ने पुलिस पर लगाया आरोपित को बचाने का आरोप
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि सेक्टर-28 चौकी पुलिस ने पुलिसकर्मी के बेटे को बचाने की पूरी कोशिश की। लोगों ने मौके पर ही आरोपित को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। पुलिस ने मुकदमे में उसका नाम दर्ज नहीं किया। बल्कि अज्ञात चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पीड़ित परिवार का कहना है कि मौके की वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपित का मेडिकल कराया और उसकी गिरफ्तारी दिखाई। जानकारों का कहना है कि एफआइआर में नाम नहीं होने का आरोपित को अदालत में फायदा मिल सकता है।
वहीं मामले में थाना सेक्टर-31 प्रभारी अनिल कुमार का कहना है कि परिजनों की शिकायत के आधार पर ही मुकदमा दर्ज किया गया है। इस तरह के मामलों में कार्रवाई का यही तरीका है। अगर परिजन को लगता है कि धाराएं बढ़ाई जानी चाहिए या किसी को नामजद करना है तो जांच में उसे जोड़ लिया जाएगा।