नई दिल्ली, रीतिका मिश्रा। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों से छात्र कल्याण फंड के नाम पर हर माह लिए जा रहे 20 रुपये अब नहीं लिए जाएंगे। शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी सरकारी स्कूलो के प्रधानाचार्यों को आदेश भी जारी कर दिए हैं। निदेशालय के इस फैसले से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों को फीस की चिंता से राहत मिलेगी क्योंकि कोरोना के चलते उपजे हालात से सबसे ज्यादा समस्या गरीब परिवारों को आ रही थी।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में ज्यादातर बच्चे गरीब मजदूर लोगों के पढ़ते हैं, इन छात्रों की फीस तो पहले से ही माफ थी लेकिन छात्र कल्याण फंड की राशि के नाम पर स्कूलों द्वारा प्रत्येक माह छात्रों से 20 रुपये लिए जाते हैं। गरीब छात्रों के हित को देखते हुए दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय ने इस राशि को भी माफ करने के आदेश दे दिए हैं।
निदेशालय द्वारा लिए गए इस फैसले का अभिभावकों ने जोरदार स्वागत किया है। अभिभावकों का कहना है कि कोरोना महामारी में जहां सारा काम-धंधा बंद पड़ा था, वहां निदेशालय के इस फैसले से उनको काफी राहत मिलेगी। शिक्षा मंत्री पहले ही साल 2018 में इस राशि को माफ करने की बात कह चुके थे, लेकिन किसी कारणवश उस वक्त निदेशालय द्वारा यह सर्कुलर नहीं जारी किया गया था। जिसके बाद स्कूलों द्वारा लगातार यह धनराशि ली जाती थी। अब तक प्रत्येक स्कूल से साल भर में तीन से चार लाख रुपये इस फंड के तहत लिए जा चुके हैं। अकेले जोन 18 के सभी सरकारी स्कूलों से पिछले शैक्षणिक सत्र 2019-20 में लगभग 57 लाख रुपये से ज्यादा इकट्ठा किया गया था। जिसमें वर्तमान बैलेंस 72 लाख रुपये से अधिक था। जिसका कुछ हिस्सा ही छात्र कल्याण फंड के नाम पर खर्च किया गया था। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कुल 29 जोन हैं और हर जोन से सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले कक्षा 9 से 12 तक के प्रत्येक छात्र से साल के 240 रुपये लिए जा रहे थे।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
नई दिल्ली में कोरोना वायरस से जुडी सभी खबरे