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मनीषी स्वामी ज्ञानानंद की कोशिशों से देशभर के ब्लाइंड स्कूलों में छात्र पढ़ेंगे 'गीता'

स्वामी ज्ञानानंद ने बताया कि जिन नेत्रहीन बच्चों को गीता याद हो गई है, उन्हीं को देश के विभिन्न विद्यालयों में शिक्षक के रूप में भेजा जाएगा।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 26 Oct 2017 06:23 PM (IST)Updated: Thu, 26 Oct 2017 06:26 PM (IST)
मनीषी स्वामी ज्ञानानंद की कोशिशों से देशभर के ब्लाइंड स्कूलों में छात्र पढ़ेंगे 'गीता'
मनीषी स्वामी ज्ञानानंद की कोशिशों से देशभर के ब्लाइंड स्कूलों में छात्र पढ़ेंगे 'गीता'

फरीदाबाद (सुशील भाटिया)। अब देश के अंध विद्यालयों में भी बच्चों श्रीमद् भागवत गीता पढ़ाई जाएगी। यह संभव हुआ है गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के प्रयासों से। जो इस पवित्र ग्रंथ का ब्रेल लिपि में तैयार करा चुके हैं। अब स्वामी ज्ञानानंद नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड की मदद से इस पवित्र ग्रंथ को देश के सभी अंध विद्यालयों में उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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स्वामी ज्ञानानंद ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि पिछले दिनों नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड के फरीदाबाद केंद्र में ब्रेल लिपि में तैयार की गई गीता का विमोचन हो चुका है।

उसके बाद हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलों पानीपत, हिसार, सिरसा, अंबाला में स्थित नेत्रहीन लोगों के स्कूलों में गीता का अध्ययन शुरू हुआ। प्रदेश के अन्य जिलों में जहां भी स्कूल हैं, वहां नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड द्वारा गीता पहुंचाई जा रही है।

गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज राष्ट्रपति के समक्ष सुनाएंगे गीता के श्लोक

स्वामी ज्ञानानंद का कहना है कि फरीदाबाद के एक दर्जन से अधिक बच्चे गीता पढ़ रहे हैं। इनमें से कुछ को 700 में से 300 श्लोक कंठस्थ हो चुके हैं। अब यह बच्चे कुरुक्षेत्र में गीता जयंती के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष गीता के श्लोक सुनाएंगे। उनका अनुवाद भी करेंगे।

इसके लिए विभिन्न विद्यालयों के प्रबंधकों से बातचीत की जा रही है। इसी कड़ी में झारखंड के नेत्रहीन आइएएस अधिकारी राजेश कुमार फरीदाबाद में नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड केंद्र का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान गीता पाठ को झारखंड के विद्यालयों में शुरू कराने पर बातचीत होगी।

गीता पढ़ने से बढ़ा मनोबल

स्वामी ज्ञानानंद ने बताया कि जिन नेत्रहीन बच्चों को गीता याद हो गई है, उन्हीं को देश के विभिन्न विद्यालयों में शिक्षक के रूप में भेजा जाएगा। गीता को पढ़ने से इन बच्चों में आत्मविश्वास का संचार हुआ है, इनका मनोबल बढ़ा है, गीता जिंदगी को कैसे जिया जाए, यही सिखाती है।


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