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दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी शून्य पर, फिर भी क्यों जहरीली है हवा

टीम ने पाया है कि कचरा जलाने निर्माण स्थल पर नियमों के ऊल्लंघन होने व सड़कों पर भारी धूल जमा होने के कारण प्रदूषण के स्तर में इजाफा हो रहा है। सड़कें टूटी हैं एवं कचरा खुले स्थानों पर जमा किया जा रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 10:58 AM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 10:58 AM (IST)
दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी शून्य पर, फिर भी क्यों जहरीली है हवा
एनसीआर में फरीदाबाद, झज्जर, नोएडा और भिवाड़ी में भी स्थिति काफी खराब है।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय कारकों के प्रति सख्त रवैया अपनाने का निर्देश दिया है। इसके लिए दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार को पत्र लिखने के साथ-साथ इन सभी राज्यों के स्थानीय निकायों को भी पत्र की प्रति भेजी गई है।

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सीपीसीबी के डिविजनल हेड (एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग) की ओर से लिखे गए इस पत्र में कहा गगया है कि दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी शून्य पर आ गई है। लेकिन वायु प्रदूषण का स्तर अभी भी काफी ज्यादा है। पिछले कई दिनों से यह बहुत खराब श्रेणी में चल रहा है। ऐसे में अब उन सभी कारकों पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है, जिनकी वजह से यह प्रदूषण कम नहीं हो रहा।

सीपीसीबी ने पत्र में कहा है कि 50 टीमें 15 अक्टूबर से लगातार राजधानी में प्रदूषण के कारणों को चिन्हित कर रही हैं। इस टीम ने पाया है कि कचरा जलाने, निर्माण स्थल पर नियमों के ऊल्लंघन होने व सड़कों पर भारी धूल जमा होने के कारण प्रदूषण के स्तर में इजाफा हो रहा है। सड़कें टूटी हैं एवं कचरा खुले स्थानों पर जमा किया जा रहा है। पराली जलना बंद हो चुका है, लेकिन राजधानी में वायु प्रदूषण बहुत खराब स्तर पर बना हुआ है। नरेला, आनंद विहार, मुंडका, द्वारका व पंजाबी बाग प्रदूषण के हॉट स्पॉट बने हुए हैं।

एनसीआर में फरीदाबाद, झज्जर, नोएडा और भिवाड़ी में भी स्थिति काफी खराब है। इस पत्र में यह जानकारी भी दी गई है कि प्रदूषण फैलाने वाली सर्वाधिक गतिविधियों की शिकायतें दिल्ली में दक्षिणी, दक्षिणी पश्चिमी, उत्तरी, उत्तर पश्चिमी, उत्तर पूर्वी जिले से जबकि एनसीआर में झज्जर, भिवाड़ी, उत्तरी गुरुग्राम और गौतम बुद्ध नगर से आ रही हैं।

सीपीसीबी ने दिल्ली सहित अन्य सभी राज्य सरकारों को भी निर्देश दिया है कि वायु प्रदूषण के कारकों का ठोस निदान करें ताकि इसका स्तर कम किया जा सके। इसके लिए सभी एजेंसी को दिशा निर्देश दिए जाने चाहिए। साथ ही प्रदूषण फैलाने संबंधी जितने भी शिकायतें लोगों द्वारा समीर एप पर भेजी जा रही है, उन सभी का भी अविलंब निवारण किया जाना चाहिए। 

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